कोलकाता, 12 अगस्त। राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने तिलपाड़ा बैराज की मरम्मत के लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है। मंगलवार को मंत्री बैराज के मरम्मत कार्य का निरीक्षण करने गए थे। उन्होंने कहा कि तिलपाड़ा बैराज में दरारें पहले से ही दिखाई दे रही थीं। नवंबर 2019 में पुल की जांच के दौरान डिवाइडर में पहली बार दरार देखी गई थी। केंद्र को इसकी सूचना तुरंत दी गई थी। सिंचाई मंत्री ने दावा किया कि केंद्र ने आश्वासन दिया था कि मरम्मत के लिए 70 प्रतिशत धनराशि विश्व बैंक के माध्यम से ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। शेष राशि राज्य सरकार देगी। मंत्री ने आरोप लगाया कि इसके बाद केंद्र की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। 2022 में दरार और बढ़ जाएगी।

मानस भुइयां ने केंद्र पर अपना गुस्सा ज़ाहिर करते हुए कहा, “अगर केंद्र ने 2019-22 के बीच तिलपाड़ा बैराज की मरम्मत के लिए पैसा दिया होता, तो हम अब तक काम शुरू कर चुके होते। लेकिन जब मैंने देखा कि केंद्र और पैसा नहीं देगा, तो हमें मजबूरन काम शुरू करना पड़ा। लेकिन बारिश के कारण काम बार-बार बाधित हो रहा है। फ़िलहाल, हम इस मानसून के मौसम में बैराज को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। बाद में, इस बैराज की पूरी तरह से मरम्मत की जाएगी। अन्य बैराजों की भी स्वास्थ्य जांच की जाएगी।”

राज्य के सिंचाई मंत्री ने कहा कि मरम्मत का काम जुलाई तक पूरा होना था। लेकिन बारिश के कारण काम बाधित हो गया। उसके बाद, युद्ध स्तर की गति से काम शुरू हुआ। लेकिन फिर से बारिश के कारण काम में देरी हो रही है।

मानस भुइयां ने बताया कि तिलपाड़ा बैराज की मरम्मत के लिए आईआईटी रुड़की के प्रोफ़ेसर और बांध विशेषज्ञ ज़ुल्फ़िकार अहमद से सलाह ली गई है। केंद्रीय जल आयोग से भी सलाह ली गई है।