
कोलकाता, 24 मार्च । पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में आरोपित सुजयकृष्ण भद्र उर्फ ‘कालीघाट के काकू’ को हाई कोर्ट से राहत मिली है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाकर 30 अप्रैल तक कर दी है। इस दौरान उनके स्वास्थ्य और रहने की स्थिति को लेकर भी अदालत ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।
सोमवार को अदालत में सुझयकृष्ण भद्र की स्वास्थ्य रिपोर्ट पेश की गई। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हैं, जिससे उनके चलने-फिरने पर प्रतिबंध लगा है। भद्र ने शिकायत की थी कि उनके घर को केंद्रीय बलों ने अपने नियंत्रण में ले लिया है, जिससे उन्हें काफी असुविधा हो रही है।
इस पर हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अरिजीत बंद्योपाध्याय की पीठ ने केंद्र सरकार और सीबीआई से इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा। भद्र के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि भद्र और केंद्रीय बलों को एक ही शौचालय साझा करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें असुविधा हो रही है। साथ ही, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें डॉक्टर के अलावा किसी से भी मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सीबीआई से सवाल किया, “क्या बल को घर के अंदर रखा जा सकता है?” इस पर सीबीआई ने जवाब दिया कि भद्र का फ्लैट काफी बड़ा है और सुरक्षा कारणों से बलों को वहां तैनात किया गया है।
हालांकि, अदालत ने निर्देश दिया कि –
1. भद्र के बैंकिंग कार्यों के लिए एक बैंक कर्मचारी को उनके पास जाने की अनुमति दी जाए।
2. भद्र को उनके घर के ग्राउंड फ्लोर का शौचालय इस्तेमाल करने दिया जाए।
3. केंद्रीय बलों की तैनाती केवल ग्राउंड फ्लोर तक सीमित रहे।
इन निर्देशों के बाद सुजयकृष्ण भद्र को कुछ राहत मिली है। भर्ती घोटाले से जुड़े इस मामले में उनकी भूमिका की जांच जारी है।