नई दिल्ली, 29 जुलाई। काेयला मंत्रालय ने काेयला आयात कम करने और इस प्रक्रिया काे कारगर बनाने के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया है। साेमवार काे काेयला मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। यह समिति विभिन्न मंत्रालयाें के बीच चर्चा कर अवसराें की पहचान करेगी। इसके अलावा काेयला मंत्रालय जीवाश्म ईंधन की बढ़ती वैश्विक मांग को ध्यान में रखते हुए कोयला निर्यात को बढ़ावा देगी।
काेयला मंत्रालय के मुताबिक, इस पहल का उद्देश्य भारत को अंतरराष्ट्रीय कोयला बाजार में एक प्रमुख देश के रूप में स्थापित करना, राजस्व उत्पन्न करना और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना है। मंत्रालय ने जारी बयान कर कहा कि घरेलू स्तर पर उत्पादित कोयले पर अधिक निर्भर रहने से देश विदेशी स्रोतों पर अपनी निर्भरता कम कर सकता है और वैश्विक मूल्य उतार-चढ़ाव से खुद को बचा सकता है। इसके अतिरिक्त आयात पर निर्भरता कम होने से विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।
काेयला मंत्रालय के मुताबिक आईआईएम अहमदाबाद द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार पड़ोसी देश नेपाल काे 2 मीट्रिक टन, म्यांमार काे 3 मीट्रिक टन, बांग्लादेश काे 8 मीट्रिक टन व अन्य काे 2 मीट्रिक टन निर्यात की संभावना है। इस दिशा में 15 मीट्रिक टन काेयला निर्यात करने की भी संभावना दिख रही है।