
कोलकाता, 29 अप्रैल । पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जिलों के सुंदरवन क्षेत्र में फैली करीब 150 किलोमीटर लंबी तटीय सीमा पर अवैध घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों ने निगरानी और सख्त कर दिया है।
यह कार्रवाई हाल ही में दक्षिण 24 परगना जिले के एक गांव से 24 बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी के बाद शुरू की गई है। गिरफ्तार किए गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, ये सभी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सक्रिय एक मानव तस्कर की मदद से भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे।
बताया जा रहा है कि यही एजेंट आगे भी घुसपैठ कराने की साजिश में लगा है और इसके लिए सुंदरवन के उन तटीय और द्वीपीय रास्तों का इस्तेमाल हो सकता है, जहां सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर है। इसके मद्देनजर खुफिया एजेंसियों ने खासतौर पर उन द्वीपों पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं, जो घुसपैठियों के लिए भारत में दाखिल होने के शुरुआती ठिकाने बन जाते हैं।
खासकर गोसाबा ब्लॉक के 13 द्वीपों को अत्यधिक संवेदनशील माना गया है, जहां सुरक्षा बलों की नियमित मौजूदगी बहुत कम है। ये द्वीप आमतौर पर मछुआरों के अस्थायी पड़ाव स्थल भी रहते हैं, जिससे निगरानी की चुनौतियां और बढ़ जाती हैं।
स्थानीय तटीय पुलिस थानों की ओर से भी गश्त को तेज किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, “किसी भी संदिग्ध नाव की गहन तलाशी ली जा रही है और उसमें सवार सभी लोगों की पहचान की जांच की जा रही है। मछुआरों को हमेशा पहचान पत्र साथ रखने के निर्देश दिए गए हैं।”
उन्होंने बताया कि दस्तावेजों की सत्यता की जांच के लिए भी औचक निरीक्षण किए जा रहे हैं।
इसके अलावा सुंदरवन को कोलकाता से जोड़ने वाले बासंती एक्सप्रेसवे पर भी सुरक्षा चौकियां स्थापित की गई हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय तटरक्षक बल ने भी क्षेत्र में अपनी संयुक्त गश्ती को और तेज कर दिया है।
सुरक्षा एजेंसियों का यह समन्वित अभियान इस संवेदनशील क्षेत्र में किसी भी संभावित घुसपैठ को रोकने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।