
गुरुद्वारों से आज दिनभर हाेती रही ऐसी ही अनाउसमेंटसीमावर्ती गांवाें में मुनादी कराकर किसानाें काे चेताया
चंडीगढ़, 26 अप्रैल । जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद हुई सख्ती ने पंजाब के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने शनिवार को पंजाब के सीमावर्ती गांवों में मुनादी कराते हुए कहा है कि सीमा पार फेंसिंग के पार खेतों की
फसल 24 घंटे के भीतर काट लें। रविवार शाम को गेट बंद कर दिए जाएंगे। गुरुद्वारों से आज दिनभर ऐसी ही अनाउसमेंट होती रही। आज इस ऐलान को लेकर आज पूरे दिन किसानों में अफरा-तफरी मची रही। हालांकि बीएसएफ की तरफ से इस संबंध में अधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
दरअसल पंजाब के अमृतसर, तरनातरन, गुरदासपुर, फिरोजपुर व फाजिल्का जिलों में बहुत से गांव ऐसे हैं, जिनके किसानों की आधी जमीन भारत और आधी पाकिस्तान में आती है। यह किसान रोजाना बीएसएफ के साथ फैंसिंग पार खेती के लिए जाते हैं। इन किसानों के रोजाना आठ घंटे बार्डर पर ले जाया जाता है। इसी दाैरान तीन दिन पहले किसानों के साथ गए बीएसएफ के एक जवान को पाकिस्तान के सैनिकाें ने हिरासत में ले लिया है। फ्लैग बैठक के बावजूद जवान को अभी तक रिहा नहीं किया गया है। जिसके चलते यहां तनाव और बढ़ गया है।
इस संबंध में जमहूरी किसान सभा के प्रधान डाॅ. सतनाम सिंह अजनाला ने बताया कि पाकिस्तान से लगते सरहदी जिलों अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट, फिरोजपुर और फाजिल्का में बार्डर से लगी तार के पार 22,000 एकड़ खेती याेग्य जमीन है। इसमें से 90 फीसदी पर खेती होती है। अमृतसर जिले की बात करेंं तो यहां की 2500 एकड़ जमीन फैंसिंग पार है। अजनाला ने कहा कि फसल तो 80 फीसदी कट गई है लेकिन तड़ी (भूसा) बनाने के लिए नाड़ अभी खेतों में खड़ी है। उनका कहना है कि इस फरमान से किसान तूड़ी नहीं बना सकेगा। बार्डर एरिया संघर्ष कमेटी के प्रधान डाॅ. रतन सिंह रंधावा ने बताया कि सरकार ने भले ही यह कदम सुरक्षा के मद्देनजर उठाया है, लेकिन इससे किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला प्रधान कश्मीर सिंह ने बताया कि हमारा भले ही नुकसान हो लेकिन पाकिस्तान को सबक सिखाने का वक्त आ गया है।