
कोलकाता, 2 जून ।
पारिवारिक संपर्क टूटने के वर्षों बाद जब 63 वर्षीय एक महिला अपने बड़े भाई की तलाश में कोलकाता के सर्वे पार्क स्थित पुराने घर पहुंची, तो उन्हें चौंकाने वाला अनुभव हुआ। न तो भाई वहां मिले, न कोई विश्वसनीय सूचना, और जब पड़ोसियों से पूछताछ की तो पता चला कि उनके भाई का कुछ महीने पहले निधन हो चुका है। लेकिन किसी भी सरकारी विभाग से इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी। इस असमंजस में उन्होंने अब कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है।
महिला ने बताया कि उनके माता-पिता, दो बहनें और एक भाई पहले ही गुजर चुके हैं। मंझले भाई ने मां की मृत्यु (सन् 2011) के बाद घर छोड़ दिया था और बाद में दिल्ली में बस गए। उनका बड़ा भाई, बड़ी बहन और मंझली बहन सभी अविवाहित थे और साथ ही सर्वे पार्क के घर में रहते थे।
महिला का अपने परिवार से वर्षों से संपर्क नहीं था। 2022 में उन्हें मंझली बहन की मृत्यु की सूचना मिली, लेकिन तब भी बड़े भाई से संपर्क नहीं हो सका। हाल ही में उन्हें जानकारी मिली कि उनका बड़ा भाई संपत्ति बेचने की कोशिश कर रहा है। इसी वजह से वह घर पहुंचीं, लेकिन वहां कोई और रह रहा था और उन्होंने बताया कि उनके भाई की मौत हो चुकी है।
जब उन्होंने इस बात की पुष्टि के लिए कोलकाता नगर निगम से संपर्क किया, तो वहां भी उनके भाई की मौत का कोई प्रमाणपत्र मौजूद नहीं था। उन्होंने कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम से भी मुलाकात की, जिनके निर्देश पर संबंधित विभाग में उन्होंने जांच करवाई, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी।
स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि उनके भाई को पिछले साल दिसंबर में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 20 दिसंबर को उनका निधन हो गया। लेकिन न तो इसकी कोई आधिकारिक जानकारी है, न ही मृत्यु प्रमाणपत्र।
अब इस मामले में उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में उन्होंने स्पष्ट किया है कि बिना किसी कानूनी दस्तावेज के उनके भाई की मृत्यु पर भरोसा करना मुश्किल है और इससे संपत्ति संबंधी अधिकारों को लेकर भी जटिलता खड़ी हो रही है।
मामले की सुनवाई जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस ऋतब्रत कुमार मित्र की खंडपीठ के समक्ष 13 जून को निर्धारित है।