सहारनपुर, 15 नवंबर। शीत ऋतु की दस्तक के साथ ही सहारनपुर की शिवालिक की पहाड़ियों और गंगा-सोलानी नदी के बीच मुजफ्फरनगर-बिजनौर सीमा पर 6908 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हैदरपुर वेट लैंड पर प्रवासी पक्षियों की आमद शुरू हो गई है। जिससे माहौल दर्शनीय हो गया है।
हैदरपुर वेट लैंड की स्थापना पर्यावरण प्रेमी और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस संजय कुमार ने दो वर्ष पूर्व सहारनपुर कमिश्नर रहने के दौरान कराई थी।
हैदरपुर वेट लैंड हस्तिनापुर वन्य जीव अभ्यारण्य वन का एक भाग है। जो एक मानव निर्मित झील है, जिसका निर्माण 1984 में हुआ था। वहां की जैव विविधता पक्षियों को आकर्षित करती है। सर्दियों के दौरान वहां के दृश्य लोगों के दिल खुश कर देते हैं। 11 दिसंबर 2021 को हैदरपुर वेट लैंड को भारत के 47वें रामसर साईट के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली थी।
सहारनपुर के शिवालिक क्षेत्र में हिमालय की ऊंची चोटियों और ठंडे इलाकों से आने वाले पक्षियों के झुण्ड दिखने लगे हैं। जिससे पक्षी एवं पर्यावरण प्रेमी गदगद हैं। जानकारों के मुताबिक कुछ दिनों के बाद ये पक्षी मध्य भारत की ओर रूख करेंगे। बीच में दिल्ली में यमुना के जैव विविधता वाले क्षेत्र में उनका ठहराव होगा।
सर्दियों में हिमालय पार करके मंगोलिया, साइबेरिया, तिब्बत, लद्दाख और मध्य एशिया से तरह-तरह के सुंदर पक्षी यहां आते हैं। उनके आने का सिलसिला शुरू हो गया है। यहां रहने के दौरान पक्षी अपनी प्रजनन अवधि पूरी करते हैं और मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ वापसी के वक्त ये अपने बच्चों को अपने साथ ले जाते हैं।
प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ तरह-तरह की तितलियां भी यहां आती हैं। कैबेज व्हाइट, पेंटेड लेड़ी, कारटोईस, हेडेड ग्रिस, पिनटेल, सोबर्स, ग्रेलैंड गीज जाति के पक्षी सहारनपुर और हैदरपुर वेट लैंड को तीन-चार माह तक अपना ठिकाना बनाते हैं। उनकी आमद शुरू हो गई है। धीरे-धीरे उनकी संख्या में इजाफा होगा।
हैदरपुर वेट लैंड को पूरी तरह से इन पक्षियों के अनुकूल और शिकारियों से सुरक्षित बनाया गया है। आने वाले समय में ये प्रवासी पक्षी पर्यटकों और स्थानीय लोगों को खूब लुभाएंगे।