नई दिल्ली, 25 अप्रैल। भारत ने आज दूसरे देशों में होने वाले प्रदर्शनों पर टिप्पणी करने वाले अमेरिका को कथनी और करनी के बीच का अंतर समझाते हुए कहा है कि हम सबका मूल्यांकन इसी आधार पर होता है कि हम अपने घर में क्या करते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कोलंबिया विश्वविद्यालय और अन्य अमेरिकी विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों पर हालिया कार्रवाई और गिरफ्तारियों के संबंध में एक प्रश्न के उत्तर में उक्त बातें कहीं।
प्रवक्ता ने कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा एवं व्यवस्था के बीच सही संतुलन होना चाहिए। लोकतांत्रिक देशों को विशेष रूप से अन्य साथी लोकतांत्रिक देशों के संबंध में यह समझ प्रदर्शित करनी चाहिए। आख़िरकार, हम सभी का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाता है कि हम घर पर क्या करते हैं, न कि हम विदेश में क्या कहते हैं।
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों से जुड़े प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हम हमेशा भारतीय छात्रों के संपर्क में रहते हैं और जब भी कोई मुद्दा होता है तो हल हो गया है, हम इस पर गौर करेंगे।
हमास-इज़राइल संघर्ष के बीच अमेरिकी विश्वविद्यालय सरकार और अधिकारियों के खिलाफ़ लामबंद हो गए हैं। जवाब मांगने और गाजा नरसंहार को रोकने के लिए छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसरों को विरोध प्रदर्शन की स्थली बना दिया है।