कोलकाता, 08 मई । सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने गुरुवार को चेन्नई में भारतीय नौसेना को पहला एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) शैलो वॉटर क्राफ्ट सौंपा। यह पोत ‘आईएनएस अर्नाला’ नामक आठ जहाज़ों की श्रृंखला में पहला है, जो जीआरएसई को नौसेना के लिए तैयार करने हैं।

यह अत्याधुनिक पोत भारतीय तटवर्ती जलक्षेत्रों में दुश्मन की पनडुब्बियों की निगरानी, खोज और हमला करने में सक्षम है। जीआरएसई के अनुसार, 77.6 मीटर लंबे और 10.5 मीटर चौड़े इस शैलो वॉटर क्राफ्ट में तटीय क्षेत्रों की पूरी तरह से सब-सर्फेस निगरानी की क्षमता है। यह पोत विमान के साथ मिलकर संयुक्त पनडुब्बी रोधी अभियान भी संचालित कर सकता है।

इस पोत का निर्माण जीआरएसई और निजी क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी एलएंडटी कट्टुपल्ली (तमिलनाडु) के बीच पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत किया गया है।

‘आईएनएस अर्नाला’ को महाराष्ट्र तट के पास स्थित ऐतिहासिक किले वाले अर्नाला द्वीप के नाम पर रखा गया है। जीआरएसई के मुताबिक, इस पोत में लगभग 88 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल की दिशा में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

जीआरएसई को वर्ष 2022 में रक्षा मंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जिसमें ‘अर्नाला’ को ‘सबसे शांत पोत’ करार दिया गया था।

फिलहाल जीआरएसई कुल 16 युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है, जिनमें तीन पी17ए अत्याधुनिक स्टेल्थ फ्रिगेट्स, सात एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट्स, दो सर्वे वेसल्स और चार नई पीढ़ी के ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स शामिल हैं।

यह डिलीवरी भारतीय नौसेना की तटीय सुरक्षा और पनडुब्बी रोधी अभियानों की क्षमता को नए स्तर पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।