​काठमांडू, 04 जनवरी।  भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर दो दिनों नेपाल के दौरे पर हैं। वे गुरुवार को काठमांडू पहुंचे हैं। भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से काठमांडू पहुंचे जयशंकर का विमानस्थल पर नेपाल के विदेश मंत्री एन पी साउद ने स्वागत किया।

सुबह स्थानीय समयानुसार 9:30 बजे विमानस्थल पर पहुंचे विदेश मंत्री सहित भारतीय प्रतिनिधिमंडल के स्वागत के लिए नेपाल के विदेश मंत्री का खुद पहुंचना, इस बात का संकेत है कि नेपाल ने भारतीय विदेश मंत्री के दौरे को उच्च महत्व दिया है। भारतीय विदेश मंत्री के आगमन को लेकर काठमांडू में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है।

विमानस्थल से होटल मेरियट पहुंच कर भारतीय विदेश मंत्री भारतीय दूतावास के अधिकारियों के साथ ब्रीफिंग ले रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्री नेपाल के राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल से शिष्टाचार मुलाकात करने के लिए शीतल निवास पहुंचने वाले हैं। उसके तुरन्त बाद नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड से मिलने उनके सरकारी आवास जाने वाले हैं।

दोपहर 1 बजे दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की औपचारिक मुलाकात तय है। इस मुलाकात के तुरन्त बाद नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की बैठक होगी, जहां सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में नेपाल में भारत की तरफ से निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा किए जाने की बात कही गयी है।

द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्री कुछ करार पर हस्ताक्षर करेंगे जिसमें मध्यकालीन और दीर्घकालीन विद्युत व्यापार समझौता सबसे अहम है। इसके अलावा भारत की तरफ से नेपाल की लघु विकास परियोजना के लिए दिए जाने वाले 5 करोड़ की रकम को बढ़ा कर 20 करोड़ किए जाने पर भी हस्ताक्षर होना है।

नेपाल के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की तरफ से तीन नए विद्युत प्रसारण लाइन के उद्घाटन की जानकारी दी गई है।

भारतीय विदेश मंत्री नेपाल के प्रमुख दल के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात करने वाले हैं। आज अपराह्न नेपाली कांग्रेस के सभापति एवं पूर्व प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउवा तथा नेकपा एमाले के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से भी मुलाकात होने की जानकारी भारतीय दूतावास ने दी है।

आज रात ही भारतीय विदेश मंत्री के सम्मान में नेपाल के विदेश मंत्री की तरफ से रात्रिभोज का आयोजन किया गया है, जिसमें अन्य राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं और पूर्व प्रधानमंत्रियों से मुलाकात होनी है।