नई दिल्ली, 29 जुलाई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दोहराया की रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष का हल युद्ध के मैदान में नहीं हो सकता। भारत इस विवाद के संबंध में रूस और यूक्रेन के साथ अपने संवाद को बढ़ाने का इच्छुक है। हालांकि विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संभावित यूक्रेन यात्रा के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं दी। उन्होंने केवल इतना कहा “सही समय पर सही माध्यम के जरिए हम अपनी बात स्पष्ट करेंगे”।

जापान में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जी7 शिखरवार्ता के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की थी। इसी तरह उन्होंने मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इस मामले में विस्तार से बातचीत की थी। भारत का प्रयास है कि इस विवाद को युद्ध के मैदान से हटाकर बातचीत की मेज पर लाया जाए।

उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के संघर्ष के संबंध में हम हाथ पर हाथ रखकर बैठे नहीं रह सकते। हमारा मानना है कि विवाद को सुलझाने के लिए और बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है जो रूस और यूक्रेन दोनों देशों से बातचीत करते हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने दोहराया कि समाधान युद्ध के मैदान नहीं हो सकता। युद्ध चलता रहे और जनहानि होती रहे इससे कोई निर्णायक हल नहीं निकता। हम विचार-विमर्श और कूटनीति के हिमायती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल से संघर्ष चल रहा है, इससे जनहानि और आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके विश्वव्यापी परिणाम हुए हैं तथा खाद्यान की कमी समस्या पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों के बीच के मसले शक्ति प्रयोग से हल नहीं हो सकते।

उल्लेखनीय है कि मीडिया में इस आशय के समाचार प्रकाशित हुई थे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगस्त महीने में यूक्रेन की यात्रा कर सकते हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संभावित यात्रा के बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया।