
नई दिल्ली, 9 मई । केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत वैश्विक क्षेत्र में अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरा है। भारत मंडपम में आयोजित वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन (जीएलईएक्स 2025) को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि भारत अब अंतरिक्ष में अग्रणी कुछ देशों के साथ बराबर के भागीदार के रूप में सहयोग कर रहा है। यह हमारी वैज्ञानिक क्षमता, दूरदर्शी नेतृत्व और शांतिपूर्ण अंतरिक्ष सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा विकासशील देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
तीन दिवसीय जीएलईएक्स सम्मेलन के आखिरी दिन में डॉ. सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के माध्यम से हम लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम हैं। भारत विश्वसनीय वैश्विक भागीदार जो वर्चस्व के लिए नहीं बल्कि सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र को लोकतांत्रिक बनाने, निजी उद्यम और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के नवाचार में उछाल आया है, पिछले दो वर्षों में ही 190 से अधिक स्टार्टअप शुरू हुए हैं। इस अवसर पर उपस्थित अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों में जोसेफ एशबैकर (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी), काजुयोशी कावासाकी (जापान), जिल स्मिथ (अमेरिका), वू वीरेन (चीन) और सलेम अल मर्री (यूएई) शामिल थे। इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने अंतरग्रहीय अन्वेषण को आगे बढ़ाने और सामाजिक लाभ के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को सुलभ बनाने के संगठन के दृष्टिकोण को दोहराया।
उल्लेखनीय है कि अंतरिक्ष अन्वेषण पुनर्जागरण थीम पर आयोजित तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के अंतरिक्ष नेता, अंतरिक्ष यात्री और वैज्ञानिक एक साथ आए। इसमें 35 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन ने अंतरिक्ष कूटनीति और नवाचार में भारत की अग्रणी भूमिका को और मजबूत किया।
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस शिखर सम्मेलन में 15 महत्वपूर्ण विषयगत क्षेत्रों में 10 समानांतर तकनीकी सत्रों में 240 से अधिक इंटरैक्टिव प्रस्तुतियां दी गई। इस कार्यक्रम में मंत्री डॉ. सिंह द्वारा एक गतिशील अंतरिक्ष प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों और इसरो की नवीनतम उपलब्धियों के काम को प्रदर्शित करने वाले 22 स्टॉल शामिल थे।