नई दिल्ली, 13 जून । चीन और पाकिस्तान के संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर के उल्लेख पर भारत ने आपत्ति जताई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हमने 07 जून को चीन और पाकिस्तान के बीच संयुक्त बयान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के अनुचित संदर्भों को नोट किया है। हम ऐसे संदर्भों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं। इस मुद्दे पर हमारी स्थिति सुसंगत है और संबंधित पक्षों को अच्छी तरह से पता है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग रहे हैं, हैं और हमेशा रहेंगे। किसी अन्य देश को इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि उसी संयुक्त बयान में तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत गतिविधियों और परियोजनाओं का भी उल्लेख किया गया है, जिनमें से कुछ पाकिस्तान के जबरन और अवैध कब्जे के तहत भारत के संप्रभु क्षेत्र में हैं। हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को प्रभावित करने वाले इन क्षेत्रों पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को मजबूत करने या वैध बनाने के लिए अन्य देशों के किसी भी कदम का दृढ़ता से विरोध करते हैं और उसे अस्वीकार करते हैं।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की चीन यात्रा के बाद जारी संयुक्त बयान में कश्मीर समेत अन्य प्रमुख मुद्दों के समाधान के लिए ‘एकतरफा कार्रवाई’ का विरोध किया गया था।