नई दिल्ली, 08 नवंबर। भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिंड’ का तीसरा संस्करण शुक्रवार को महाराष्ट्र के पुणे में विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हुआ। दो चरणों में यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 21 नवंबर तक चलेगा, जिसमें संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान और ड्रोन विरोधी उपाय तथा विशेष हेली बोर्न ऑपरेशन आदि शामिल होंगे।
भारतीय दल का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से डोगरा रेजिमेंट की एक बटालियन के 140 कर्मी और भारतीय वायुसेना के 14 कर्मी कर रहे हैं। इसी तरह 120 कर्मियों वाले ऑस्ट्रेलियाई सेना दल का प्रतिनिधित्व द्वितीय डिवीजन की 10वीं ब्रिगेड की 13वीं लाइट हॉर्स रेजिमेंट करेगी। इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के अध्याय VII के तहत अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों में अर्ध-शहरी वातावरण में संयुक्त उप-पारंपरिक संचालन के संचालन में अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाकर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है। अभ्यास में उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और संयुक्त सामरिक अभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सैन्य प्रवक्ता के अनुसार यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें युद्ध की तैयारी, सामरिक प्रशिक्षण चरण और सत्यापन चरण होगा। अभ्यास के दौरान अभ्यास किए जाने वाले अभ्यासों में निर्धारित क्षेत्र पर कब्जा करने की आतंकवादी कार्रवाई का जवाब देना होगा। इसके अलावा संयुक्त संचालन केंद्र की स्थापना, छापा मारने, तलाशी लेने तथा नष्ट करने जैसे संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान चलाना, एक हेलीपैड की सुरक्षा करना, ड्रोन का उपयोग और ड्रोन विरोधी उपाय तथा विशेष हेली बोर्न ऑपरेशन आदि शामिल होंगे।
दोनों देशों के बीच सैन्य अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिंड’ हर साल भारत और ऑस्ट्रेलिया में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। इसी अभ्यास का पिछला संस्करण दिसंबर, 2023 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया था।