वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद और नेपाल विज्ञान तथा प्रविधि प्रज्ञा प्रतिष्ठान ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

नई दिल्ली, 19 फरवरी । भारत और नेपाल के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग के तहत, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और नेपाल विज्ञान तथा प्रविधि प्रज्ञा प्रतिष्ठान (एनएएसटी) ने मंगलवार को यहां सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।

सीएसआईआर की महानिदेशक और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) की सचिव डॉ. एन. कलैसेलवी और एनएएसटी के कुलपति प्रो. डॉ. दिलीप सुब्बा ने समझौते पर हस्ताक्षर किए और दस्तावेज आदान-प्रदान किए। इस समझौते से द्विपक्षीय वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग बढ़ाने का व्यापक तंत्र स्थापित हुआ है।

सीएसआईआर और एनएएसटी के बीच लंबे समय से सहयोग है। यह 1994 में आरंभ हुआ था, जब सीएसआईआर और तत्कालीन रोनास्ट अब एनएएसटी के बीच परस्पर हित के क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के क्रियान्वयन के लिए 1997 और 2002 में दो कार्यकारी योजनाओं पर हस्ताक्षर हुए। इसके अंतर्गत कई संयुक्त कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये, जो समझौते की निर्धारित अवधि से आगे भी जारी रहे।

दोनों देशों के बीच नये समझौते का उद्देश्य सहयोग को फिर से सक्रिय और विस्तारित करना तथा दोनों देशों के संस्थानों के बीच वैज्ञानिक सहभागिता बढ़ाना है। वर्ष 2025 के समझौता ज्ञापन के तहत साझेदारी को विभिन्न सहयोगी गतिविधियों द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। इनमें वैज्ञानिक जानकारी, अनुसंधान सामग्री, वैज्ञानिकों के एक-दूसरे के यहां जाने, संयुक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगोष्ठी, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं का निष्पादन, एक-दूसरे की प्रमुख अनुसंधान सुविधाओं का उपयोग, प्रौद्योगिकी साझेदारी और क्षमता संवर्धन के लिए संस्थानों का समेकन शामिल है। दोनों देशों के बीच सहयोग जैविक विज्ञान, खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जल और पर्यावरण प्रौद्योगिकी, ईंधन और खनन विज्ञान, धातु विज्ञान, कांच, सिरेमिक वस्तुएं, जैविक पदार्थ और नैनो प्रौद्योगिकी जैसे भौतिक विज्ञान, वैकल्पिक ऊर्जा, चमड़े और फुटवियर तकनीक, मेट्रोलॉजी (माप पद्धति), कार्बनिक यौगिक संबंधी पॉलिमर विज्ञान और औषधि के क्षेत्र में अनुसंधान सहित परस्पर सहमत क्षेत्रों में केंद्रित होगा।

हस्ताक्षर के लिए आयोजित शीर्ष स्तरीय कार्यक्रम में सीएसआईआर, विदेश मंत्रालय, केंद्र सरकार और एनएएसटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। सहयोग के प्रभावी तरीकों, संयुक्त अनुसंधान और विकास प्रयासों पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेलवी ने एनएएसटी के साथ सहयोग द्वारा नेपाल के साथ प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण साझेदारी सुदृढ़ करने में संस्थान की गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने एनएएसटी के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाओं का उल्लेख किया और लक्षित योजना के साथ समझौता ज्ञापन को तेजी से क्रियान्वित करने के महत्व पर बल दिया।

एनएएसटी के कुलपति प्रो. डॉ. दिलीप सुब्बा ने साझेदारी के प्रति एनएएसटी की प्रतिबद्धता व्यक्त की तथा नेपाल द्वारा भारत के साथ वैज्ञानिक सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इस समझौता ज्ञापन और आज के विमर्श को दोनों देशों के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मजबूत और स्थिर संबंधों का मार्ग प्रशस्त करने वाला बताया। प्रो. सुब्बा ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में संरचित सहयोग सुगमता के लिए विशिष्ट कार्य समूहों के गठन का भी प्रस्ताव रखा।