
90 दिन में जिला आपदा प्रबंधन की योजना बनाने का निर्देश दिया
आपदा आए ही नहीं ऐसी योजना बनानी होगी। पर्यावरण संरक्षण के बिना यह संभव नहीं
नई दिल्ली, 16 जून । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में कहा कि पिछले 10 वर्षों में एनडीएमए, एनडीआरएफ और सीडीआरआई ने भारत को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने के करीब पहुंचा दिया है।
केन्द्रीय मंत्री राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के राहत आयुक्तों तथा आपदा मोचन बलों के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
अमित शाह ने राहत आयुक्तों से कहा कि कई सारे जिलों में आपदा प्रबंधन योजना बनानी बाकी है। क्या हम तय कर सकते हैं कि यहां से जाने के बाद 90 दिन में प्रत्येक राज्य में हर जिला की आपदा प्रबंधन योजना बनाने का काम समाप्त कर देंगे। उन्होंने कहा कि जब तक जिला की आपदा प्रबंधन योजना नहीं होगी तब तक आपदा से तेजी से लड़ना संभव नहीं है।
आकाशीय बिजली से निपटने के उपायों को लेकर उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि आकाशीय बिजली से लोगों को बचाना संभव नहीं लेकिन आज विज्ञान बहुत आगे जा चुका है। उन्होंने इस पर कार्य योजना बनाकर 90 दिनों में केन्द्र के साथ साझा करने का निर्देश दिया।
शाह ने ओला गिरने और शीत लहर को लेकर राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की कार्य योजना नहीं बनने पर भी चिंता जताई।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने जीरो कैजुअल्टी अप्रोच के साथ आगे बढ़ने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि हमें आपदा से लड़ने की तैयारी तो करनी ही है साथ ही आपदा के कारणों के मूल में भी जाना होगा।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन को आपदा का मुख्य कारण बताते हुए कहा कि हमें पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में भारत सरकार ने जो काम किया है, वह अतुलनीय है। आपदा से बचाव के बारे में सोचना अधूरा दृष्टिकोण है। समग्र दृष्टिकोण में ऐसी पृथ्वी का निर्माण शामिल है, जहां कोई आपदा न हो। हमें इस दृष्टिकोण को लोकप्रिय बनाना चाहिए। अगर हम पर्यावरण संरक्षण के बारे में नहीं सोचेंगे तो हम आपदा से खुद को नहीं बचा सकते।
अमित शाह ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण पूरी दुनिया आपदाओं को लेकर चिंतित है। लेकिन हम सभी के लिए यह गर्व की बात है कि मात्र 10 वर्षों में एनडीएमए, एनडीआरएफ और सीडीआरआई ने भारत को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने के करीब पहुंचा दिया है।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, गृह सचिव गोविन्द मोहन, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य और विभागाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, आपदा प्रबंधन के अपर सचिव संजीव कुमार जिंदल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक पीयूष आनंद, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान मौजूद थे।