
कोलकाता, 08 मई । राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को नवान्न से आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ-साफ कहा कि देश की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए कोई भी अनाज या आवश्यक वस्तुओं की कालाबाज़ारी करने की कोशिश न करे। उन्होंने प्रशासन और जनता को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी हालत में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें न बढ़ें, इस पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी सीमावर्ती इलाकों से अधिक मुनाफे के लालच में बाहर सामान भेजने की अनुमति नहीं दी जाएगी और राज्य के बाहर सामग्री की आपूर्ति पर भी नज़र रखी जाएगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार हर परिस्थिति में जनता के साथ है और लोगों को किसी भी तरह की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल इस साल के लिए नहीं, बल्कि अगले वर्ष की कीमतों की योजना भी अभी से बनानी होगी ताकि समय रहते बाजार को स्थिर रखा जा सके। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि राज्य के सभी नगरपालिका बाजारों पर नजर रखी जाए और यह देखा जाए कि आम लोगों को वास्तव में क्या सुविधाएं मिल रही हैं।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य के 518 हिमघरों में जरूरत से कहीं ज्यादा आलू संग्रहित है और ‘सुफल बांग्ला’ केंद्रों में भी पर्याप्त भंडारण मौजूद है। इस वर्ष राज्य में 1400 नए प्याज भंडारण केंद्र बनाए गए हैं और अब तक कुल 5400 केंद्रों में प्याज संग्रहित किया गया है। इसके अलावा 1300 नए प्याज गोदामों के निर्माण को भी मंजूरी दी जा चुकी है। ममता बनर्जी ने कहा कि इलीश रिसर्च सेंटर बनने के बाद राज्य में इलीश मछली की उपलब्धता काफी बेहतर हुई है।
उन्होंने कहा कि मुर्गी के मांस की कीमतें राज्य में अपेक्षाकृत अधिक हैं, इसलिए अब बाजार में हंस के मांस को भी लाने की जरूरत है। मछली और मांस की कीमतों को कम करने के प्रयास किए जाएंगे और बाजार में खाद्य वस्तुओं की विविधता सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि राज्यभर में और अधिक ‘सुफल बांग्ला’ दुकानें खोली जाएंगी और उन्हें जिला स्तर पर विभाजित कर आम जनता की सहूलियत के अनुसार व्यवस्थित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एक विशेष टास्क फोर्स गठित की गई है जो नियमित रूप से बाजारों पर नजर रखेगी और यदि किसी के खिलाफ कालाबाज़ारी का प्रमाण मिला तो सरकार उसका पूरा सामान जब्त कर लेगी। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे राज्य को अपना घर मानकर बाजार की स्थिति पर नजर रखें और सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कोई संकट नहीं है, लेकिन अगर भविष्य में परिस्थिति की मांग हुई तो फिर से बैठक बुलाई जाएगी।