कोलकाता, 24 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार रात को आने वाले ‘दाना’ चक्रवात की गंभीरता को देखते हुए सभी मंत्रियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर स्थिति का जायजा लेने और इसे नियंत्रित करने का निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय नवान्न में एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक के बाद यह निर्देश दिया, जिसमें राज्य के हालात पर चर्चा की गई।
चक्रवात के प्रभाव से कोलकाता सहित तटीय इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने जानकारी दी कि रात होते ही चक्रवात और अधिक प्रबल हो जाएगा। इस बीच, मुख्यमंत्री ने खुद सचिवालय में रहकर स्थिति पर नजर रखने का फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में उन्होंने सभी मंत्रियों को जल्द से जल्द अपने क्षेत्रों में जाकर तूफान से उत्पन्न समस्याओं के निपटान करने को कहा। कई मंत्रियों को इस बैठक में शामिल होने से भी मना किया गया था, ताकि वे अपने जिलों में रहकर हालात पर नजर रख सकें।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के बाद कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने ऐलान किया कि वह खुद कोलकाता नगर निगम के मुख्यालय से शहर की स्थिति पर नजर रखेंगे। वहीं, पांच मंत्रियों को विशेष रूप से बैठक में शामिल होने से मना किया गया और उन्हें सीधे अपने क्षेत्रों में जाने का निर्देश दिया गया। ये मंत्री हैं सिंचाई मंत्री मानस भुइयां, वन मंत्री बिरबाहा हांसदा, मत्स्य मंत्री बिप्लब रॉय चौधरी, कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना और सुंदरबन विकास मंत्री बंकीमचंद्र हाजरा।
चक्रवात ‘दाना’ के प्रभाव से पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय इलाकों में भी नुकसान की संभावना है। मुख्यमंत्री ने इन पांचों मंत्रियों को राज्य के विभिन्न स्थानों पर भेजा है, ताकि वे चक्रवात के प्रभाव और स्थिति पर नजर रख सकें। सिंचाई मंत्री मानस भुइयां को मेदिनीपुर में रहकर स्थिति की निगरानी का निर्देश दिया गया है, जबकि वन मंत्री बिरबाहा हांसदा को झारग्राम में रहकर नजर रखने को कहा गया है।
मत्स्य मंत्री बिप्लब रॉय चौधरी, जो पासकुरा पूर्व के विधायक हैं, उन्हें दीघा के समुद्री क्षेत्र की स्थिति पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। सुंदरबन विकास मंत्री बंकीमचंद्र हाजरा को सागर द्वीप में रहकर सुंदरबन क्षेत्र की निगरानी का काम सौंपा गया है। सुंदरबन के काकद्वीप, नामखाना और पाथरप्रतिमा जैसे इलाकों की निगरानी के लिए मुख्यमंत्री ने सचिव स्तर के अधिकारी मनीष जैन को भी भेजा है।
तूफान के समय सिंचाई विभाग के अधिकारी भी इन इलाकों में रहकर स्थिति की निगरानी करेंगे।