बीरभूम, 11 जुलाई । जिले के सिउड़ी विधानसभा क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब सरकारी दस्तावेजों में 372 जीवित लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। यह मामला सामने आते ही संबंधित नागरिकों में भारी असंतोष फैल गया और वे खुद को जीवित साबित करने के लिए लगातार प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन और चुनाव विभाग की ओर से सिउड़ी विधानसभा क्षेत्र और उससे संबद्ध ग्राम पंचायतों में एक सूची जारी की गई, जिसमें राजनगर, भवानीपुर, साहापुर और सिउड़ी नगरपालिका के वार्ड नंबर 12, 15 और चार के कुल 372 व्यक्तियों को मृत मानते हुए उनके मतदाता पहचान पत्र रद्द कर दिया गया है।

सूची के सार्वजनिक होते ही इनमें शामिल लोगों में हड़कंप मच गया। कई लोगों ने अपने आधार कार्ड और अन्य वैध दस्तावेजों के साथ संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर यह प्रमाणित करने की कोशिश की कि वे जीवित हैं और मतदान के अधिकार से उन्हें वंचित न किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना या सत्यापन के उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

इस घटनाक्रम ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सिउड़ी विधायक बिकाश राय चौधरी ने इस घटना को “गंभीर साजिश” करार दिया है। उनका आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी सुनियोजित तरीके से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बना रही है और उन्हें देश से बाहर करने की साजिश रच रही है। विधायक ने इस मुद्दे को लेकर जिलाधिकारी को एक लिखित शिकायत सौंपी और तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि जीते-जागते नागरिकों को मृत घोषित कर देना अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है। हम इस साजिश का विरोध करते हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।

वहीं, भाजपा के बीरभूम जिलाध्यक्ष ध्रुव साहा ने तृणमूल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कई मृत व्यक्तियों के नाम अब भी मतदाता सूची में दर्ज हैं और पार्टी केवल फर्जी वोटरों की पहचान की मांग कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सूची चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और किसी के भी द्वारा सत्यापित की जा सकती है।