कोलकाता, 08 नवम्बर  । आईआईटी खड़गपुर ने केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) के साथ होम्योपैथी परियोजना पर एक सहयोगात्मक अध्ययन के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य होम्योपैथिक औषधियों के विश्लेषण और उनके प्रभावों की जांच करना है।

सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने बताया कि यह एमओयू फोरियर ट्रांसफॉर्म इन्फ्रा-रेड स्पेक्ट्रोस्कोपिक (एफटीआईआर) और रमन अध्ययन के माध्यम से होम्योपैथिक औषधियों के गुणों और उनकी पहचान पर आधारित है। इस परियोजना में औषधियों का परीक्षण, विश्लेषण और मानकीकरण शामिल है।

आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौता होम्योपैथिक औषधियों के गहन अध्ययन में सहायक होगा और चिकित्सा क्षेत्र में तकनीकी विकास को बढ़ावा देगा। उन्होंने बताया कि इस शोध में रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग होम्योपैथिक औषधियों के कंपन स्पेक्ट्रा का अध्ययन करने के लिए किया जा सकता है।

इस परियोजना के अनुसंधान दल में सीसीआरएच की शोध अधिकारी डॉ. ऋतिका हसीजा नरूला, आईआईटी खड़गपुर के धातुकर्म एवं सामग्री अभियांत्रिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. चंद्रशेखर तिवारी और सीसीआरएच के वैज्ञानिक डॉ. गुरुदेब चौबे शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, आईआईटी खड़गपुर के डॉ. शिवेंदु रंजन और अन्य अधिकारी भी इस परियोजना का हिस्सा हैं।

यह परियोजना तीन वर्षों तक चलेगी और इसके अंतर्गत सभी पेटेंट्स का पंजीकरण नेशनल रिसर्च डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनआरडीसी) की मदद से किया जाएगा। परियोजना से संबंधित किसी भी शोध प्रकाशन के लिए दोनों संस्थान परस्पर विचार-विमर्श करेंगे और इसे संयुक्त रूप से प्रकाशित किया जाएगा।