
कोलकाता, 12 जुलाई ।
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) कलकत्ता के छात्रावास में एक महिला के साथ दुष्कर्म की कथित घटना के बाद संस्थान की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह घटना शुक्रवार रात कैंपस के बॉयज हॉस्टल में हुई थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपित छात्र आईआईएम-सी के पीजीडीएम कोर्स का द्वितीय वर्ष का विद्यार्थी है और वह बेंगलुरु का रहने वाला है। पीड़िता उसके संपर्क में सोशल मीडिया के माध्यम से आई थी। शुरू में ऐसी खबरें आई थीं कि महिला आईआईएम की छात्रा है, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वह संस्थान से संबद्ध नहीं है।
घटना को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि बाहरी व्यक्ति को आधी रात के बाद कैंपस में कैसे प्रवेश करने दिया गया और सुरक्षा कर्मियों ने उसका नाम विजिटर्स रजिस्टर में दर्ज क्यों नहीं कराया। सूत्रों के मुताबिक पीड़िता लॉगबुक में एंट्री करना चाहती थी, लेकिन आरोपिष ने उसे ऐसा करने से रोका।
बताया जा रहा है कि यह घटना उस हॉस्टल में हुई जहां महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है। ऐसे में यह भी जांच का विषय है कि आरोपित को किस हद तक छूट प्राप्त थी और क्या उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सुरक्षा प्रोटोकॉल को दरकिनार किया।
हरिदेवपुर थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है। आईआईएम-सी प्रशासन के सुरक्षा कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है और कैंपस में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाले जा रहे हैं। आरोपित की पहचान फिलहाल आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं की गई है और पुलिस का कहना है कि कोर्ट में पेशी के बाद ही विवरण साझा किया जाएगा।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले की हर कोण से जांच की जा रही है और संस्थान की सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को भी गंभीरता से देखा जा रहा है। घटना के बाद संस्थान के भीतर भी असंतोष का माहौल है और छात्र-छात्राएं जवाब मांग रहे हैं कि बाहरी व्यक्ति को इतनी आसानी से परिसर में प्रवेश कैसे मिला।