
झाड़ग्राम में आयोजित पदयात्रा के बाद मुख्यमंत्री ने एसआईआर को लेकर भाजपा पर बोला हमला
कोलकाता, 6 अगस्त । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को झाड़ग्राम में आयोजित पदयात्रा के बाद भाषा आंदोलन मंच से विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला और इसे राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि अगर किसी का नाम मतदाता सूची से हटाना है तो पहले उनके शव के ऊपर से गुजरना होगा।
ममता बनर्जी ने बुधवार को जनसभा में स्पष्ट कहा, एनआरसी मानती नहीं हूं और मानूंगी भी नहीं। नाम काटने की साजिश हो रही है, लेकिन मैं इसे कभी स्वीकार नहीं करूंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एसआईआर के नाम पर बंगाल में एनआरसी लागू करने की योजना बना रही है, जिससे लाखों लोगों के अधिकार खतरे में पड़ सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि वर्ष 2026 के विधानसभा चुनाव में वह बंगाली अस्मिता को मुख्य मुद्दा बनाएंगी। उन्होंने सिदू-कान्हू की धरती से जनता को संबोधित करते हुए राजनीतिक मतभेद भूलकर एकजुट होने का आह्वान किया। ममता ने कहा, राजनीतिक मतभेद भुला दें, अपने घर और अपनी पहचान की रक्षा आपको खुद करनी होगी।
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर बंगला भाषा और संस्कृति पर ‘हमला’ करने का आरोप लगाते हुए सवाल किया, रवींद्रनाथ ठाकुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद और ईश्वरचंद्र विद्यासागर किस भाषा में बोलते थे? देश का राष्ट्रीय गीत और राष्ट्र गान किस भाषा में है? उन्होंने कहा कि यह बंगाल की संस्कृति, भाषा और इतिहास पर चोट है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि 21 जुलाई को कोलकाता में उन्होंने भाषा आंदोलन का आह्वान किया था और झाड़ग्राम उनकी दूसरी बड़ी सभा है। उन्होंने कहा कि बंगाल की पहचान और अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी और जनता को इसमें सक्रिय भागीदारी करनी होगी।—————–