सिलीगुड़ी, 06 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिला पुलिस ने तीस्ता नदी के किनारे रहने वाले लोगों से आग्रह किया है कि उन्हें तीस्ता नदी में बह रहे हथियार और गोला-बारूद नजर आए तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
पुलिस ने कहा, “सिक्किम में भीषण बाढ़ के कारण आग्नेयास्त्रों और विस्फोटकों सहित कुछ सैन्य उपकरण तीस्ता नदी में बह गए हैं। पुलिस ने जनता से सतर्क रहने और किसी भी अपरिचित वस्तु, पैकेज, आग्नेयास्त्र, या किसी भी संदिग्ध वस्तु को तैरते हुए देखने पर तुरंत सूचना देने का आग्रह किया है।
पुलिस ने कहा है कि ये वस्तुएं खतरनाक हो सकती है। इसी तरह का एक नोटिस पड़ोसी जिले कूच बिहार में भी जारी किया गया था, जहां तीस्ता नदी इस क्षेत्र को पार करती है। इस बीच, भारतीय सेना ने कहा कि लापता जवानों की तलाश शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी है।
एक विज्ञप्ति में कहा गया कि सैनिक उत्तरी सिक्किम में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को भोजन, चिकित्सा सहायता और संचार सुविधाओं का विस्तार करने में भी सहायता प्रदान कर रहे हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया “लापता भारतीय सेना के जवानों की तलाश तीस्ता बैराज के निचले इलाकों में की जा रही है और सिंगतम के पास बुरदांग में घटना स्थल पर, सेना के वाहनों को खोजा जा रहा है। खोज अभियान में सहायता के लिए तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू (टीएमआर ), खोजी कुत्तों और विशेष राडार की टीमों को लाया गया है। त्रिशक्ति कोर भारतीय सेना के जवान लाचेन, चाटन, लाचुंग और चुंगथांग के क्षेत्रों में मौजूद 1,471 पर्यटकों को सुरक्षित निकालने में जुटे हुए हैं।
फिलहाल शुक्रवार को मौसम में सुधार होने पर फंसे हुए पर्यटकों को हेलीकॉप्टरों द्वारा निकालने की संभावना हैं। इसकी योजना सिक्किम सरकार, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना द्वारा संयुक्त रूप से बनाई जा रही है।
भारतीय सेना ने कहा, “नुकसान का आकलन करने और सड़क संपर्क की बहाली की योजना बनाने के लिए सभी एजेंसियों द्वारा सर्वेक्षण किया जा रहा है। वाहन यातायात के लिए सिंगल लेन को साफ करने के साथ सिंगतम और बुरदांग के बीच सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है।”
गौरतलब है कि बुधवार तड़के उत्तरी सिक्किम में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के कारण कुछ सैन्य शिविर बह जाने से सेना के 22 जवान लापता हो गए हैं।