उदयपुर, 30 मार्च। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि पहली बार किसी राज्य की पूरे देश में चर्चा होती रही, पर भाजपा ने इतना झूठ बोला कि राजस्थान में कांग्रेस की दुबारा सरकार नहीं बन पाई। सबसे बड़ा झूठ जघन्य कन्हैया हत्याकांड को लेकर भाजपा ने बोला।
वे शनिवार को यहां उदयपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद मीणा के नामांकन दाखिल करने के अवसर पर नगर निगम प्रांगण में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे।
गहलोत ने कहा कि हत्या के बाद गुलाब चंद कटारिया, राजेन्द्र राठौड़ आदि भाजपा नेता हैदराबाद चले गए, जबकि वे जोधपुर से जयपुर गए और वहां से डीजीपी व सचिव को लेकर सीधे उदयपुर में दिवंगत कन्हैयालाल के घर पहुंचे और आश्रितों से मिले। दो घंटे के अंदर आरोपित पकड़े गए। आश्रितों को पचास लाख की आर्थिक मदद व दोनों बेटों को सरकारी नौकरी तथा आरोपितों को पकड़ने वाले दोनों नागरिकों को भी सरकारी नौकरी दी। इतना सब कुछ किया फिर भी भाजपा वालों ने हिंदू मुस्लिम करते हुए सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया कि गहलोत सरकार ने मृतक कन्हैयालाल के आश्रितों को पांच लाख और मुसलमान के मरने पर पचास लाख रुपये दिए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की एनआईए ने तत्काल यह मामला अपने हाथ में ले लिया, लेकिन अब तक फैसला नहीं आने दिया। इसका उपयोग चुनाव जीतने में किया। गहलोत ने दावा किया कि यदि यह मामला कांग्रेस सरकार के पास होता तो अब तक आरोपितों को फांसी की सजा हो चुकी होती।
गहलोत ने कहा कि आज मुल्क खतरनाक दौर से गुजर रहा है। आज देश के हालात गंभीर हैै। हालात नहीं सुधरे तो ऐसा समय आएगा जब चुनाव भाजपा बनाम आम जनता का हो जाएगा। अगले चुनाव की गारंटी नहीं हैं। संविधान की धज्जियां उड़ रही है। देश के प्रधानमंत्री मोदी संवैधानिक संस्थाओं ईडी व इनकम टैक्स का दुरुपयोग कर रहे हैं।
गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आ रहे फैसलों से अब मोदी सरकार और भाजपा वाले घबराए हुए हैं। अब इनकी पोल खुल रही है।
गहलोत ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद मीणा का कलेक्टर पद से इस्तीफा बड़ी मुश्किल से स्वीकार किया गया, वह भी जब उन्हें खुद मुख्यमंत्री से कहना पड़ा। जबकि, प्रतिद्वन्द्वी भाजपा प्रत्याशी का इस्तीफा तत्काल स्वीकार कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज करने के मामले में अमेरिका व जर्मनी फटकार रहे हैं तो भाजपा वाले उन्हें देश के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देने की नसीहत दे रहे हैं, जबकि मोदी ने अमेरिका के चुनाव में तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रम्प का हाथ पकड़कर बोलते थे, अबकी बार ट्रम्प सरकार। क्या वह उनके देश में मोदी का दखल नहीं था जो अब उन्हें दखल नहीं देने की बात कर रहे हैं। चुनाव में टम्प हार जाने से मोदी की क्या इज्जत रही। कांग्रेस के खाते फ्रीज करने पर संयुक्त राष्ट्र संघ बोल रहा है।
गहलोत ने चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद मीणा को विजयी बना लोकसभा में भेजने की अपील की। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद उदयपुर में पहली बार आदिवासी कलेक्टर बना। कार्यकर्ता बनकर काम किया। आम आदमी के सुख दुख को जाना।