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पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने खोज और बचाव मिशन में दिया पूरा सहयोग
नई दिल्ली, 05 दिसंबर । भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने उत्तरी अरब सागर में डूबे भारतीय पोत एमएसवी अल पिरानपीर के 12 चालक दल के सदस्यों को बचा लिया है। ख़ास बात यह रही कि इस खोज और बचाव मिशन में भारतीय तटरक्षक बल के साथ पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी (एमएसए) के बीच घनिष्ठ सहयोग देखा गया। दोनों देशों के समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) ने भी पूरे ऑपरेशन के दौरान निरंतर संवाद बनाए रखा। बचाए गए चालक दल को गुजरात के पोरबंदर तट पर लाया जा रहा है।
दरअसल, पोरबंदर से ईरान के बंदर अब्बास के लिए रवाना हुआ भारतीय नौकायन पोत (ढाऊ) अल पिरानपीर 04 दिसंबर की सुबह समुद्र में उथल-पुथल और बाढ़ के कारण डूब गया। संकट की सूचना आईसीजी के समुद्री बचाव समन्वय केंद्र मुंबई को मिली, जिसने गांधीनगर में आईसीजी क्षेत्रीय मुख्यालय (उत्तर पश्चिम) को तुरंत सतर्क कर दिया। इसके बाद तत्काल आईसीजी के जहाज सार्थक को बताए गए स्थान के लिए रवाना किया गया। क्षेत्र में नाविकों को सतर्क करने के लिए पाकिस्तान के एमआरसीसी से भी संपर्क करके तुरंत सहायता देने का आग्रह किया गया।
आईसीजी के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि अग्रिम क्षेत्र में गश्त के लिए तैनात आईसीजीएस सार्थक संभावित स्थान पर अधिकतम गति से आगे बढ़ा और व्यापक खोज अभियान चलाया। जब जहाज सार्थक मौके पर पहुंचा, तब तक भारतीय पोत के 12 चालक दल के सदस्यों ने अपना पोत छोड़कर एक छोटी सी नाव में शरण ले ली थी। यह स्थान पाकिस्तान के खोज और बचाव क्षेत्र के भीतर द्वारका से लगभग 270 किलोमीटर पश्चिम में था। जीवित बचे लोगों की खोज में पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी के विमान और व्यापारी जहाज एमवी कॉस्को ग्लोरी ने भी सहयोग किया।
उन्होंने बताया कि बचाए गए चालक दल के सदस्यों की आईसीजीएस सार्थक पर मौजूद मेडिकल टीम ने जांच की और सभी को स्वस्थ बताया। सभी को वापस गुजरात के पोरबंदर बंदरगाह लाया जा रहा है। इस ऑपरेशन में भारतीय तटरक्षक जहाज सार्थक के साथ पाकिस्तानी समुद्री एजेंसी ने सहयोग किया। दोनों देशों के समुद्री बचाव समन्वय केन्द्रों ने पूरे ऑपरेशन के दौरान समन्वय बनाए रखा। भारतीय तटरक्षक बल की त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया समुद्र में लोगों की जान बचाने के लिए उसकी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह साहसिक बचाव अभियान क्षेत्र में समुद्री आपात स्थितियों से निपटने के लिए आईसीजी की क्षमताओं और तत्परता को दर्शाता है। ——————-