
कोलकाता, 17 जून। पहलगाम की खूनी घटना के 56 दिन बाद भी कई सवाल अनुत्तरित हैं। इसी मुद्दे को लेकर सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। मंगलवार को उन्हीं के सुर में सुर मिलाते हुए नदिया जिला अंतर्गत कृष्णनगर से तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और पांच महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए, जिनमें आईबी प्रमुख की सेवा अवधि बढ़ाए जाने से लेकर भारत-पाक विवाद पर अमेरिकी मध्यस्थता का मुद्दा शामिल है।
एक वीडियो संदेश के माध्यम से महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह सबसे संवेदनशील क्षेत्र है, फिर भी आतंकी वहां कैसे पहुंचे? वे कौन थे और कहां से आए? बिना किसी प्रतिरोध के इतने लोगों की जान कैसे ले सके? उन्होंने पूछा कि इतनी भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद इतनी बड़ी चूक कैसे हुई?
महुआ ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख तपन डेका की सेवा अवधि बढ़ाने पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि जहां ऐसी बड़ी चूक हुई, वहां जिम्मेदारी तय करने के बजाय क्या हम अब लापरवाही पर इनाम दे रहे हैं? उन्होंने पूछा कि आखिर किन आधारों पर आईबी प्रमुख को एक्सटेंशन दिया गया?
तीसरा सवाल उन्होंने उस हमले में शामिल आतंकियों की पहचान को लेकर उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या हम जानते हैं कि पहलगाम में हमला करने वाले आतंकी कौन थे? क्या वे बाहर से आए थे या स्थानीय थे?
महुआ मोइत्रा ने चौथा सवाल भारत-पाक विवाद पर अमेरिका के दखल को लेकर उठाया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष विराम में मध्यस्थता की। अगर ऐसा है, तो क्या यह हमारी संप्रभुता पर सवाल नहीं है? प्रधानमंत्री इस पर चुप क्यों हैं? उन्होंने सीधा जवाब प्रधानमंत्री से मांगा।
पांचवां सवाल महुआ मोइत्रा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिले समर्थन को लेकर किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 133 देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजा और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाया। लेकिन कितने देशों ने हमारे पक्ष में खुलकर समर्थन दिया? इसके उलट, आईएमएफ ने पाकिस्तान को भारी कर्ज दे दिया। क्या भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस पर सवाल उठाया?
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष संसद में इस विषय पर विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार इसे लगातार टाल रही है।