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कोलकाता, 29 जुलाई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी के जल साझा करने के किसी भी समझौते का विरोध करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह बांग्लादेश के लोगों से प्यार करती हैं लेकिन तीस्ता का पानी साझा करने का मतलब उत्तर बंगाल को पीने के पानी से भी वंचित करना होगा, सिंचाई की तो बात ही छोड़ दें।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में कटाव नियंत्रण और बाढ़ रोकथाम पर एक प्रस्ताव पर बनर्जी ने कहा कि तीस्ता नदी में सर्दियों और गर्मियों के मौसम में बहुत कम पानी होता है। बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार को भारत और बांग्लादेश के बीच फरक्का संधि के नवीनीकरण पर चर्चा में आमंत्रित नहीं किया गया, जबकि उनका राज्य इस मुद्दे का एक प्रमुख हितधारक है, क्योंकि गंगा नदी पश्चिम बंगाल से होकर पड़ोसी राष्ट्र में प्रवेश करती है।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तीस्ता जल साझा करने और फरक्का संधि के संबंध में बांग्लादेश के साथ चर्चा से पश्चिम बंगाल सरकार को बाहर रखने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। बनर्जी ने तीस्ता नदी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कारणों के रूप में सिक्किम में एक श्रृंखला की जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण, ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव” को जिम्मेदार ठहराया था।