
कोलकाता, 22 मई । पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के पांशकुड़ा इलाके से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उस पर चिप्स चुराने का झूठा आरोप लगाते हुए एक सिविक वोलंटियर ने सार्वजनिक रूप से उसकी बेइज्जती की और मारपीट की। पुलिस को मृत छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने साफ तौर पर लिखा है — “मां, मैंने चिप्स चोरी नहीं की थी। रास्ते से उठा कर लाया था।” मृत छात्र की पहचान कृष्णेंदु दास के रूप में हुई है, जो पांशकुड़ा के गोंसाइबेर बाजार का निवासी था।
हालांकि पुलिस की लापरवाही का आलम ये है कि अभी तक उस सिविक वॉलिंटियर को गिरफ्तार तक नहीं किया गया है।
परिजनों के अनुसार, रविवार को कृष्णेंदु बाजार में चिप्स खरीदने गया था। जिस दुकान पर वह गया था वहां चिप्स नहीं मिला और दुकानदार भी मौजूद नहीं था। तभी उसने देखा कि सड़क किनारे एक चिप्स का पैकेट गिरा हुआ है, जिसे वह उठा कर घर लौटने लगा।
आरोप है कि दुकान का मालिक शुभंकर दीक्षित, जो कि एक सिविक वोलंटियर भी है, ने बाइक से पीछा कर कृष्णेंदु को पकड़ लिया और उस पर चोरी का आरोप लगाकर बाजार में ही कान पकड़वा कर उठक-बैठक करवाई और मारपीट की।
कृष्णेंदु ने सिविक वोलंटियर को चिप्स के पैसे भी दिए, लेकिन इसके बावजूद उस पर हिंसा जारी रही। इसी दौरान छात्र की मां वहां पहुंच गईं और उसे घर लेकर आईं। घर आते ही बच्चा अपने कमरे में चला गया। कुछ देर बाद जब परिवार वालों ने कमरे में देखा तो वह बेहोश अवस्था में पड़ा था।
परिजनों का आरोप है कि कृष्णेंदु ने घर में रखे कीटनाशक का सेवन कर लिया था। उसे तुरंत तमलुक मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई। कमरे से बरामद सुसाइड नोट में उसने लिखा — “मां, मैं कहकर जा रहा हूं कि वह चिप्स मैंने रास्ते से उठाया था। मैंने चोरी नहीं की थी।”
घटना के बाद पूरे गोंसाइबेर बाजार इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोग आरोपित सिविक वोलंटियर शुभंकर दीक्षित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि खबर लिखे जाने तक उसकी ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।