पलामू, 14 जुलाई । जिला व्यवहार न्यायालय के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिवाकर पांडेय की अदालत ने सेमवार को पत्नी की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए सैनुल अंसारी को सश्रम उम्र कैद की सजा सुनाई।

अदालत ने दोषी पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर उसे एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

यह मामला पाटन थाना क्षेत्र के खैरा दोहर गांव का है, जहां 19 जुलाई 2020 को पाटन थाना कांड संख्या 83/2020 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामला सत्र वाद संख्या 27/2022 के रूप में न्यायालय में चला।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सैनुल अंसारी की शादी वर्ष 2019 में रेहाना खातून से हुई थी। शादी के बाद से ही पति-पत्नी के संबंध मधुर नहीं थे और आए दिन दहेज को लेकर विवाद होते रहते थे। घटना के दिन रेहाना अपने ससुराल शोले, पाटन में थी। अगले दिन जब रेहाना का कोई अता-पता नहीं मिला तो उसके भाई ऐनुल अंसारी ने पूछताछ की, लेकिन सैनुल ने उल्टे उसे डांट कर भगा दिया। बाद में रेहाना का शव उसके ससुराल स्थित एक कुएं से बरामद किया गया।

जांच में यह स्पष्ट हुआ कि रेहाना की हत्या कर उसके शव को छिपाने की नीयत से कुएं में फेंका गया था। अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर सैनुल अंसारी को हत्या का दोषी मानते हुए भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत उम्र कैद और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। साथ ही धारा 201 के तहत सबूत छिपाने के लिए सात वर्ष की सजा और पांच हजार रुपये का अतिरिक्त अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर उसे क्रमशः एक वर्ष व छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।