वाराणसी, 14 मार्च । बाबा विश्वनाथ की नगरी में शुक्रवार को रंगों के पर्व होली की सतरंगी मस्ती हर तरफ दिख रही है। गांव, शहर से लेकर गंगा घाटों तक लोग रंग -गुलाल में भीग कर एक-दूसरे को रंग लगा रहे हैं। रंगोत्सव का उल्लास हर तरफ दिख रहा है। महापर्व पर पूरे शहर में सुरक्षा का व्यापक प्रबन्ध किया गया है। संवेदनशील जगहों पर विशेष चौकसी की जा रही है।


श्रीकाशी विश्वनाथ के संग श्रद्धालुओं ने खेली होली

सुबह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में शिवभक्तों ने बाबा के संग होली खेली। शहर के दूसरे मंदिरों में भी देवी-देवताओं के साथ श्रद्धालुओं ने होली खेली। दर्शनार्थियों ने बाबा विश्वनाथ, कालभैरव, संकटमोचन, मां अन्नपूर्णा, दुर्गा मंदिर समेत सभी मंदिरों में रंगोत्सव का पहला गुलाल अर्पित किया। काशी की परंपरानुसार चौसठ्ठी घाट स्थित चौसठ्ठी माता के मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई थी और मंदिर में गुलाल चढ़ाने के बाद लोगों ने होली खेली।

रंगोत्सव पर सुबह से ही बच्चों और युवाओं की टोली मस्ती में दिखी। दिन चढ़ते ही युवा और बच्चे रंग पिचकारी लेकर एक-दूसरे का भिगोने लगे और गले मिलकर पर्व की बधाई दी। युवाओं की टोलियां एक-दूसरे को रंगों में भिगो कर कपड़ा फाड़, अजब-गजब भेष बना सड़कों पर गले मिलते हुए देखी गई। नगर के गोदौलिया, लहुराबीर, सोनारपुरा, लंका, सिगरा, रथयात्रा चौराहे पर होली की रंगत विशेष तौर पर देखी जा रही है। जगह-जगह डीजे पर होली गीतों पर युवा समूह में थिरकते रहे। गंगा घाटों पर विदेशी नागरिक भी होली की खुमारी में स्थानीय युवकों के साथ नगाड़े और ढोल की थाप पर थिरकते रहे।

कई कॉलोनियों और सोसाइटियों में रंगोत्सव के दौरान मनोरंजक खेलों का आयोजन किया गया। तो कहीं कवि गोष्ठी के बीच ठंडई और भांग का दौर चला। शहर में कई स्थानों पर होली बारात निकालने की परंपरा का निर्वाह भी किया गया।

पुलिस भी रही सक्रिय

होली की मस्ती और हुड़दंग के बीच पुलिस अफसर फोर्स के साथ सड़कों पर दिखे। माहे रमजान के जुमा को देखते हुए शहर के प्रमुख चौराहों के साथ ही मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस कर्मी मुस्तैद रहे। इस दौरान कुछ लोगों ने अबीर-गुलाल से उनको भी रंग दिया।