कराची, 02 मार्च। ईशनिंदा मामले के आरोप में पांच साल से जेल में बंद एक हिंदू शिक्षक को तत्काल रिहा करने का आदेश पाकिस्तान की अदालत ने शुक्रवार को दिया। हिंदू शिक्षक को 2019 में सिंध प्रांत के घोटकी जिले से उसे गिरफ्तार किया गया था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत पेश करने में असफल रहा है। ऐसे में संदेह का लाभ आरोपित को मिलना चाहिए और यह उसका अधिकार भी है। हालांकि, शिक्षक के रिश्तेदारों, समाज के सदस्यों और दोस्तों ने खुद को जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की चिंता जताई।
सिंध मानवाधिकार आयोग के बोर्ड सदस्य सुखदेव हेमनानी ने बताया कि 2019 में उन पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया और पांच साल तक जेल में रखा। आखिरकार अदालत ने उन्हें बरी करते हुए रिहाई का आदेश दिया। हम शिक्षक और उसके परिवार की सुरक्षा व्यवस्था की कोशिश कर रहे हैं।