शिमला, 10 जुलाई । हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने समय से पहले दस्तक देते ही भारी तबाही मचाई है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून 20 जून को प्रदेश में पहुंचा और 22 जून तक पूरे राज्य को अपने प्रभाव में ले लिया। शुरुआत से ही बारिश ने कहर ढाया और खासकर मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। यहां बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई महीने में अब तक प्रदेश में सामान्य से 23 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। मंडी जिले में सामान्य से 116 मिमी अधिक, शिमला और ऊना में 114 मिमी ज्यादा जबकि सिरमौर में सामान्य से 83 फीसदी अधिक वर्षा हुई है। असामान्य वर्षा के चलते पूरे प्रदेश में अब तक बादल फटने की 22, फ्लैश फ्लड की 31 और भूस्खलन की 17 घटनाएं दर्ज की गई हैं।

सबसे भयानक मंजर मंडी जिले में 30 जून की रात देखने को मिला, जब एक ही रात में 12 जगह बादल फटे। सिराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग, गोहर और करसोग इलाके में कई घर, दुकानें और सड़कें तबाह हो गईं। अकेले मंडी जिले में 409 घर और 203 दुकानें पूरी तरह ढह गईं, जबकि 732 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा। जिले में 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 27 लोग अब भी लापता हैं। मंडी में 138 सड़कें, 124 ट्रांसफार्मर और 137 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। साथ ही नेशनल हाईवे-3 भी अभी अवरुद्ध है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन के दौरान अब तक वर्षा जनित हादसों में प्रदेशभर में 91 लोगों की मौत, 34 लापता और 129 लोग घायल हुए हैं। इस आपदा में 432 घर पूरी तरह, जबकि 928 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 224 दुकानें और 880 गौशालाएं भी तबाह हो चुकी हैं। अब तक प्रदेश को करीब 749 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान जलशक्ति विभाग को 404 करोड़ रुपये और लोक निर्माण विभाग को 327 करोड़ रुपये का हुआ है।

बीती रात भी राजधानी शिमला समेत कई क्षेत्रों में रुक-रुक कर बारिश जारी रही। सिरमौर के धौलाकुआं में पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा 168 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि बिलासपुर में 120 मिमी, मनाली में 46 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 44 मिमी, नगरोटा सुर्रियाँ में 42 मिमी, पांवटा साहिब में 38 मिमी और सुजानपुर में 37 मिमी वर्षा हुई।

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना जताई है। 16 जुलाई तक कुछ इलाकों में भारी वर्षा का खतरा बना रहेगा और इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। गुरुवार शाम तक प्रदेश में एक नेशनल हाईवे समेत 207 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 132 बिजली ट्रांसफार्मर और 812 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।

मंडी में हालात अभी भी सामान्य नहीं हो पाए हैं। यहां 134 सड़कें, 111 ट्रांसफार्मर और 204 पेयजल योजनाएं अब भी ठप हैं। सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में भारी बारिश से 43 सड़कें, जबकि कांगड़ा जिले में 13 सड़कें और 603 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं, जिनमें सबसे ज्यादा असर धर्मशाला उपमंडल में पड़ा है।

सरकार और प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने बेघर हुए लोगों के लिए 7 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा करते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।