कोलकाता, 27 जून ।

पश्चिम बंगाल में मादक पदार्थ से जुड़े मामलों की जांच में भारी चूक सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। शुक्रवार को अपने एक आदेश में अदालत ने राज्य के विभिन्न जिलों के 17 पुलिस अधिकारियों को कम से कम छह महीने के लिए पुलिस ट्रेनिंग स्कूल भेजने का आदेश दिया है, ताकि उन्हें ड्रग्स से जुड़े मामलों की उचित जांच प्रक्रिया का विशेष प्रशिक्षण दिया जा सके। प्रशिक्षण में सफल हुए अधिकारियों को ही भविष्य में ऐसे मामलों की जांच या छापेमारी में शामिल किया जाएगा।

तीन साल पहले शुरू हुई यह समस्या तब उजागर हुई जब कई ड्रग्स मामलों की सुनवाई के दौरान पुलिस अधिकारी अदालत में आरोपितों को पहचानने में असमर्थ रहे। यह सामान्य भूल नहीं थी, बल्कि हाईकोर्ट ने इसे षड्यंत्र या जानबूझकर भूलने की प्रवृत्ति के रूप में देखा और सभी ऐसे मामलों को एक साथ जोड़कर सुनवाई शुरू की।

डोमकल, भीमपुर, चकुलिया सहित कई थानों के मामलों में एक जैसी स्थिति देखी गई। जहां जिस अधिकारी ने आरोपित को गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया था, वही अधिकारी ट्रायल के दौरान आरोपित को पहचान नहीं पाया। इस गंभीर चूक को देखते हुए हाईकोर्ट ने 2023 में ही सख्त कदम उठाने के संकेत दे दिए थे।

राज्य पुलिस ने हाईकोर्ट के निर्देश पर संबंधित जिलों — नदिया, मुर्शिदाबाद और उत्तर दिनाजपुर — के मामलों की समीक्षा कर रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में सात मामलों से जुड़े 17 अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया। उनके खिलाफ विभागीय जांच के साथ-साथ एक-एक पदोन्नति भी रोकी गई है।