जयपुर, 10 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की अधीनस्थ अदालतों के सेवारत व रिटायर न्यायिक अफसरों को एसएनजेपीसी की सिफारिशों के अनुसार वेतन सहित विभिन्न भत्तों व पेंशन परिलाभ के प्रभावी क्रियांवयन के लिए सभी हाईकोर्ट को दो जजों की कमेटी बनाने का निर्देश दिया है। इस समिति में हाईकोर्ट के वरिष्ठतम जज सहित न्यायिक अधिकारी सेवा से हाईकोर्ट जज बने न्यायाधीश को शामिल करने को कहा है। इसके अलावा कमेटी में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, प्रमुख विधि सचिव व एक रिटायर जज को नोडल अफसर के तौर भी शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन की याचिका पर दिए। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि वे सिफारिशों के क्रियान्वयन को लेकर आगामी 7 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश करें। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देशभर की अधीनस्थ अदालतों के सेवारत, रिटायर व पेंशनर न्यायिक अफसरों को लाभ मिलेगा। गौरतलब है कि न्यायिक अफसरों के वेतन-भत्तों को लेकर ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन की यह याचिका साल 2015 से ही सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग चल रही थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में न्यायिक अफसरों के रिवीजन वेतनमान के संबंध में दिशा-निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से प्रदेश के करीब 1500 सेवारत न्यायिक अफसरों व करीब 500 रिटायर व फैमिली पेंशनर को लाभ मिलेगा।