
कोलकाता, 10 अप्रैल । कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि वह विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के खिलाफ राम नवमी जुलूस को लेकर दर्ज एफआईआर के औचित्य पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करे।
न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ ने पुलिस से कहा कि वह एफआईआर दर्ज करने और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के कारणों को स्पष्ट करने वाले सभी दस्तावेजों सहित रिपोर्ट 25 अप्रैल तक प्रस्तुत करे।
उल्लेखनीय है कि विहिप ने छह अप्रैल को हावड़ा जिले में राम नवमी का आयोजन किया था। इस आयोजन के बाद, अदालत द्वारा निर्धारित अधिकतम प्रतिभागी सीमा का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस ने विहिप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके खिलाफ विहिप ने हाई कोर्ट का रुख किया।
विहिप के वकील ने अदालत में जुलूस में भाग लेने वालों की सूची और उनके पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड) भी प्रस्तुत किए। उन्होंने दलील दी कि आयोजकों ने प्रतिभागियों की संख्या अदालत द्वारा निर्धारित सीमा में ही रखी थी, लेकिन सड़क किनारे मौजूद भीड़ को भी पुलिस ने प्रतिभागियों में गिन लिया।
विहिप की ओर से कहा गया कि जुलूस में वास्तविक प्रतिभागियों की संख्या मात्र 303 थी।
इन दलीलों के बाद कोर्ट ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के कारणों को न्यायसंगत ठहराने वाली रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने एक अन्य संगठन ‘अंजनी पुत्र सेना’ (एपीएस) के खिलाफ भी इसी तरह की एफआईआर दर्ज की है, जिसने छह अप्रैल को हावड़ा जिले में राम नवमी पर जुलूस निकाला था। एपीएस पर भी प्रतिभागियों की संख्या अदालत द्वारा तय सीमा से अधिक होने का आरोप है।
उल्लेखनीय है कि शुरू में पुलिस ने विहिप और एपीएस दोनों को हावड़ा जिले में जुलूस निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। बाद में दोनों संगठनों ने हाई कोर्ट से अनुमति प्राप्त कर अपने-अपने जुलूस आयोजित किए थे।