कोलकाता, 04 जनवरी। राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति समेत भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में आरोपित लोगों को बिना रोक-टोक भर्ती रखने को लेकर कोलकाता के राजकीय एसएसकेएम अस्पताल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं । गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अख्तियार किया है। मुख्य न्यायाधीश टीएसस शिवगणनम की खंडपीठ ने इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन से लिखित में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता रमा प्रसाद सरकार और सुष्मिता साहा दत्त ने कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में किसी भी प्रभावशाली नेता को अगर गिरफ्तार किया जाता है तो उसके सीने में दर्द होने लगता है और सीधे एसएसकेएम अस्पताल ले जाया जाता है जहां बिना किसी सवाल उन्हें भर्ती कर लिया जाता है। मदन मित्रा, पार्थ चटर्जी, ज्योति प्रिय मलिक, सुजय कृष्ण भद्र वहां सुरक्षित रहते हैं। इसके बाद कोर्ट ने तुरंत एसएसकेएम अस्पताल के डायरेक्टर से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी।
कोर्ट ने कहा कि कितने प्रभावशाली लोग अस्पताल में भर्ती हैं? उन्हें तीन-चार महीने से क्यों भर्ती करके रखा गया है? कोर्ट ने यह भी पूछा है कि अस्पताल में जिन प्रभावशाली लोगों को भर्ती रखा गया है उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं? उनकी शारीरिक स्थिति कैसी है? इनके मुकाबले अन्य रोगियों को क्या कुछ सुविधाएं मिलती है यह भी विस्तार से बताना होगा। मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को मुकर्रर की गई है। उसके पहले रिपोर्ट जमा देनी है।