कोलकाता, 19 मार्च । कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अवैध इमारतों को गिराए जाने की कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह करने वाली याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि मानव जीवन हर हाल में बचाया जाना चाहिए। तीन वकीलों ने कई याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करते हुए तत्काल सुनवाई का आग्रह किया था।
न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने विभिन्न नगर निकाय क्षेत्रों में कथित अनधिकृत इमारतों को गिराए जाने संबंधी आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि अदालत ऐसे मामलों की सुनवाई सामान्य तरीके से करेगी। जब एक वकील ने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया तो न्यायाधीश ने कहा कि अदालत आपको विध्वंस के किसी भी मामले में कोई छूट नहीं दे रही है।
याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि इमारत गिराए जाने की तारीख 20 मार्च है और अगर मामला बाद में सुनवाई के लिए आया तो पूरी कवायद बेकार हो जाएगी। न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा, ”इसे बेकार हो जाने दें, मानव जीवन को बचाने दें। अदालत हस्तक्षेप नहीं करने जा रही।”
इसी तरह की परिस्थितियों का दावा करने वाले एक अन्य अनुरोध पर न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि इमारत गिराना जारी रहने दें, अदालत हस्तक्षेप नहीं करेगी।