कोलकाता, 23 अप्रैल । कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को मुर्शिदाबाद जाने की सशर्त अनुमति दे दी है। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह न तो कोई रैली निकाल सकते हैं और न ही किसी सार्वजनिक सभा को संबोधित कर सकते हैं। उन्हें केवल हिंसा और तनाव से प्रभावित परिवारों से मिलने की इजाज़त दी गई है।

बुधवार को न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधुरी की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया। आदेश के अनुसार, शुभेंदु अधिकारी को दौरे से पहले जिला प्रशासन को पूर्व सूचना देनी होगी। उनके साथ भाजपा विधायक गौरिशंकर घोष भी वहां जा सकते हैं।

दरअसल, मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद धुलियान, सूती, जंगीपुर और शमशेरगंज जैसे इलाकों में दंगाई मुस्लिम भीड़ में हिंदू परिवारों पर हमला कर घरों में आग लगा दी थी और सब कुछ लूट ले गए थे। यहां एक बाप बेटे को भी घर से निकाल कर मौत के घाट उतार दिया गया था। इस स्थिति को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने शुभेंदु को वहां जाने की अनुमति नहीं दी थी, जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई और अदालत का रुख किया।

पहले यह मामला न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ में गया था, लेकिन उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया। इसके बाद डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई और शुभेंदु अधिकारी को सशर्त अनुमति दी गई।

प्रशासन पहले से ही इन संवेदनशील इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए सतर्क है। हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि शुभेंदु अधिकारी की यात्रा केवल मानवीय उद्देश्य से होनी चाहिए, जिससे किसी प्रकार का राजनीतिक उकसावा या भीड़ जुटने की स्थिति उत्पन्न न हो।

पुलिस और प्रशासन ने कहा है कि मुर्शिदाबाद में हालात सामान्य हैं, लेकिन किसी भी संभावित तनाव या अशांति से बचने के लिए चौकसी बरती जा रही है।