कोलकाता, 19 जून । कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की उस भर्ती विज्ञप्ति को रद्द कर दिया, जिसमें ओबीसी आरक्षण के तहत नियुक्तियों की घोषणा की गई थी। अदालत ने यह फैसला उस स्थिति में सुनाया जब पहले ही ओबीसी की नई सूची को लेकर मंगलवार को अंतरिम रोक लगाई जा चुकी थी। इसके बावजूद निगम द्वारा जारी की गई इस भर्ती सूचना को अदालत ने अवमानना माना और निगम के आयुक्त तथा पश्चिम बंगाल म्युनिसिपल सर्विस कमीशन के चेयरमैन को अदालत में तलब किया गया। दोनों अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से अदालत में पेशी दी।

मामला कोलकाता नगर निगम में सब-एसिस्टेंट इंजीनियर (सिविल) पद पर भर्ती से जुड़ा है। म्युनिसिपल सर्विस कमीशन द्वारा जारी इस विज्ञप्ति के अनुसार कुल 78 रिक्त पदों में से आठ पद ओबीसी (ए) और पांच पद ओबीसी (बी) श्रेणी के लिए आरक्षित रखे गए थे। इस आरक्षण को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी।

मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति कौशिक चंद्र ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि निगम और आयोग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह भर्ती सूचना रद्द की जाती है।

अदालत ने आदेश दिया कि कोलकाता नगर निगम अब नए सिरे से रिक्तियों का आंकड़ा तैयार कर नगर विकास विभाग को भेजेगा, जो सात दिनों के भीतर अपनी स्वीकृति देगा। इसके बाद ही म्युनिसिपल रिक्रूटमेंट बोर्ड आगे की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सकेगा।

हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में डिवीजन बेंच द्वारा पूर्व में निर्धारित 66 मान्य श्रेणियों और अधिकतम सात प्रतिशत आरक्षण की सीमा का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए।