रामगढ़, 23 मई । झारखंड से दिल्ली तक गांजे की तस्करी करने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है। तस्करी गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने में रामगढ़ पुलिस ने सफलता हासिल की है। शुक्रवार को एसपी अजय कुमार ने प्रेस वार्ता कर इस पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 25 किलो गांजे के साथ दो तस्कर शत्रुघन कुमार और लालू कुमार को गिरफ्तार किया गया है। वे दोनों मूल रूप से बिहार  के पटना जिले के निवासी हैं। वर्तमान में वे लोग रामगढ़ जिले के पतरातू थाना क्षेत्र अंतर्गत पीटीपीएस क्षेत्र में रह रहे थे।

एसपी अजय कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी की दो युवक रांची से गांजा लेकर पतरातू आने वाले हैं। पतरातू रेलवे स्टेशन से ट्रेन पड़कर वे लोग दिल्ली रवाना होंगे। इस सूचना के आधार पर पतरातू एसडीपीओ गौरव गोस्वामी के नेतृत्व में बनी एसआईटी में जांच शुरू की। टीम के द्वारा पतरातू रेलवे स्टेशन आने वाले सभी मार्गों पर निगरानी रखी गई थी। जांच के दौरान गरैवाटांड़ से पतरातू रेलवे स्टेशन जाने वाले पीसीसी सड़क पुतरियां नदी पुल के पास दो व्यक्ति पुलिस को देखकर भागने लगे‌ पुलिस जवानों ने पीछा कर उन्हें पकड़ा। पकड़े गए व्यक्तियों में पटना जिले के बाढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत सिकंदरा गांव निवासी शत्रुघन कुमार और पंडरा थाना क्षेत्र अंतर्गत लक्ष्मीपुर महाराजगंज निवासी लालू कुमार शामिल थे।

गिरफ्तार शत्रुघ्न और लालू ने पुलिस को बताया कि वे लोग बैग में गांजा लेकर भुवनेश्वर से निकले थे। ट्रेन और बस के माध्यम से वे लोग रांची होते हुए सीधे पतरातू स्टेशन आ गए। यहां से ट्रेन लेकर वे लोग दिल्ली जाने वाले थे। दिल्ली में सकरपुर चार खंभा के पास एक दुकान में 25 किलो गांजे की डिलीवरी करने वाले थो।  पुलिस ने तलाशी ली तो शत्रुघन कुमार के पास से छह पैकेट में  11 किलो 800 ग्राम और लालू कुमार के पास से 14 पैकेट में 13 किलो 900 ग्राम गांजा बरामद हुआ।

एसपी अजय कुमार ने बताया कि गांजा तस्करी करने वाले लोग रांची रेलवे स्टेशन से दिल्ली की ट्रेन नहीं पकड़ते थे। रांची रेलवे स्टेशन पर सख्ती से जांच की जाती है। जिसमें पकड़े जाने की संभावना अधिक रहती है। इस वजह से यह लोग अक्सर छोटे रेलवे स्टेशन से दिल्ली की ट्रेन पकड़ते थे, ताकि चढ़ने में आसानी हो। एक बार ट्रेन की जनरल बोगी में सवार हो गए, तो फिर कोई भी इन्हें पूछने वाला नहीं। दिल्ली स्टेशन से कुछ दूर पहले ही यह लोग उतर जाते थे, ताकि शहर में भी कोई जांच पड़ताल ना हो।