शिमला, 9 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा है और कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। राज्य के अधिकांश इलाकों में शनिवार को भी बादल बरसे। राजधानी शिमला में दोपहर बाद जमकर बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले छह दिनों तक बारिश की रफतार में और तेजी आने की आशंका जताई है। 15 अगस्त तक राज्य भर में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। खासतौर पर 11 से 14 अगस्त तक मॉनसून के कड़े तेवर देखने को मिलेंगे। इस अवधि में राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं अगले 24 घंटे यानी 10 अगस्त को अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा व गरज के साथ तूफान का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसी तरह 15 अगस्त को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग द्वारा जिलावार जारी पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 24 घंटों यानी 10 अगस्त को उना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। 11 अगस्त को कांगड़ा और कुल्लू जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट रहेगा। वहीं उना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। 12 अगस्त को उना, कांगड़ा व सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि हमीरपुर, चंबा, कुल्लू, मंडी में भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा। 13 अगस्त को कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं सोलन जिला में भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा।

मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों में बिलासपुर जिला के नैना देवी में सर्वाधिक 110 मिलीमीटर वर्षा हुई। जबकि मंडी जिला के पंडोह में 100, सिरमौर जिला के पच्छाद, बिलासपुर के आरएल बीबीएमबी, शिमला जिला के नारकंडा, सोलन जिला के कसौली और शिमला जिला के शिलारू में 70-70 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। सिरमौर जिला के राजगढ़ में 60, शिमला जिला के कुफरी में 50 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इस दौरान सिओबाग व धौलाकूआ में क्रमशः 50 व 46 किलोमीटर प्रति घंटे की रफतार से हवाएं भी चलीं।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 1 जून से अब तक राज्य भर में मॉनसून की सामान्य से 13 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। वहीं अगस्त महीने में अब तक लाहौल-स्पीति और कांगड़ा जिलों को छोड़कर शेष सभी 10 जिलों में सामान्य से ज्यादा बादल बरसे हैं। उना जिलों में सामान्य से 138 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। वहीं सोलन जिला में सामान्य से 112 फीसदी ज्यादा, बिलासपुर में 116 फीसदी ज्यादा, हमीरपुर में सामान्य से 106 फीसदी, किन्नौर में सामान्य से 100 फीसदी ज्यादा, कुल्लू में सामान्य से 95 फीसदी ज्यादा, शिमला में सामान्य से 79 फीसदी ज्यादा, मंडी में सामान्य से 71 फीसदी ज्यादा, सिरमौर में सामान्य से 23 फीसदी ज्यादा व चंबा में सामान्य से 18 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। वहीं लाहौल-स्पीति जिला में सामान्य से 57 फीसदी कम और कांगड़ा में सामान्य से 12 फीसदी कम वर्षा हुई है।

भूस्खलन से 362 सड़कें बंद, 613 बिजली ट्रांसफार्मर ठप

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार राज्य भर में भूस्लखन से 362 सड़कें बंद रहीं। वहीं 613 बिजली ट्रांसफार्मर व 520 पेयजल स्कीमें ठप रहीं। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 220 सड़कें बाधित रहीं। जबकि कुल्लू में 91 व कांगड़ा में 22 सड़कें अवरूद्ध हैं। कुल्लू जिला में 393 बिजली ट्रांसफार्मर व मंडी जिला में 202 ट्रांसफार्मर बंद रहे। कुल्लू जिला में 367, मंडी में 78 व कांगड़ा जिला में 72 पेयजल स्कीमें ठप रहीं।

मॉनसून सीजन में 219 पहुंची मृतकों की संख्या

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, मॉनसून सीजन में अब तक राज्य भर में वर्षा जनित हादसों में 219 लोगों की मौत हुई है, 37 लापता हैं और 315 घायल हुए। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 43 लोगों की मौत हुई है। कांगड़ा जिला में 32, चंबा में 26, शिमला में 21, कुल्लू में 18, किन्नौर में 16, सोलन में 15, हमीरपुर व उना में 13-13, बिलासपुर व सिरमौर में 8-8, लाहौल-स्पीति में छह लोगों की मौत हुई है।

2036 घर क्षतिग्रस्त, 502 घर पूरी तरह गिरे

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य भर में मॉनसून सीजन के दौरान 2036 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें 502 घर पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं। इसके अलावा 298 दुकानें व 1932 पशुशालाएं भी धराशायी हुईं। राज्य में अब तक भूस्खलन की 53, बाढ़ की 58 और बादल फटने की 30 घटनाएं हो चुकी हैं। मॉनसून सीजन में अब तक बारिश से 1988 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इनमें लोकनिर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 1055 करोड़ का नुकसान हुआ है, जबकि जलशक्ति विभाग को 681 करोड़ का नुकसान पहुंचा है।