कोलकाता, 22 अगस्त । बंगाल में बरसात का मौसम थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण गुरुवार से लगातार भारी बारिश और तूफ़ानी हवाओं का सिलसिला जारी है। कोलकाता सहित दक्षिण बंगाल के कई जिलों में जलजमाव और यातायात बाधित होने से आमजन जीवन प्रभावित हुआ है। गंगीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर बने भंवर के प्रभाव से लगातार बारिश हो रही है। मानसून की धुरी उत्तर की ओर खिसक रही है, जिसके चलते राज्य में नमी तेजी से प्रवेश कर रही है और बारिश का दायरा बढ़ गया है। शुक्रवार और शनिवार को बारिश और तेज होगी। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।

शुक्रवार सुबह से ही कोलकाता का आसमान घने बादलों से ढका रहेगा और दिनभर हल्की से मध्यम बारिश होती रहेगी। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से काफी कम है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार बारिश से कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।

मौसम विभाग ने राज्य के 11 जिलों में भारी बारिश और गरज-चमक के साथ तूफ़ान की संभावना जताई है। इनमें हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, पुरुलिया और बांकुड़ा शामिल हैं। बांकुड़ा, पुरुलिया और पश्चिम मेदिनीपुर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, कोलकाता, हावड़ा, हुगली, पूर्व व पश्चिम बर्दवान, नदिया, मुर्शिदाबाद और बीरभूम में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।

वहीं, उत्तर बंगाल के मालदा दार्जिलिंग, कालिंम्पोंग, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर और कूचबिहार जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश और 30 से 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है। अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में सात से 11 सेंटीमीटर तक भारी वर्षा होने की संभावना है। इससे उत्तर बंगाल की नदियों जैसे तिस्ता, तोर्सा और जलढाका का जलस्तर बढ़ने और निचले इलाकों में बाढ़ आने का खतरा है। पर्वतीय क्षेत्रों दार्जिलिंग और कालिम्पोंग में भूस्खलन की आशंका भी जताई गई है।

उत्तर बंगाल की खाड़ी और पश्चिम बंगाल से सटे तटीय इलाकों में समुद्र की स्थिति अत्यंत उफान पर है। इसी कारण मछुआरों को गहरे समुद्र में जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।