नई दिल्ली, 20 सितंबर । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा केन्द्र सरकार के पहले 100 दिनों में हासिल की गई स्वास्थ्य मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाईं।
शुक्रवार को राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में जेपी नड्डा ने कहा कि आयुष्मान भारत दुनिया का सबसे बड़ा सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित स्वास्थ्य कवरेज कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में देश के सभी 70 वर्ष के ऊपर के लोगों को शामिल कर लिया गया है। वह भी अब सालाना 5 लाख रुपये तक का इलाज करवा सकेंगे। इस योजना को अगले महीने लॉन्च किया जाएगा। इस योजना में 11.7 प्रतिशत का विस्तार हुआ है। इस योजना के तहत 12.37 करोड़ परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना में अब 6 करोड़ लोग और जुड़ जाएंगे।
जेपी नड्डा ने बताया कि सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं और जन्म से 17 वर्ष तक के बच्चों के संपूर्ण टीकाकरण रिकॉर्ड के लिए टीकाकरण सेवाओं के पूर्ण डिजिटलीकरण के लिए यू-विन पोर्टल विकसित किया गया है। इस पोर्टल में पंजीकृत होने के बाद बच्चे के टीकाकरण के सभी रिकॉर्ड इसमें शामिल होंगे। इस पोर्टल को भी अक्टूबर में लॉन्च किया जाएगा।
ड्रोन सेवाओं के बारे में जे पी नड्डा ने बताया कि सरकार ने नमूनों के समय पर संग्रह और चिकित्सा आपूर्ति और रिपोर्ट की डिलीवरी के लिए विशेष रूप से कठिन इलाकों में इस सेवा को परिधीय संस्थानों से जोड़ने के उद्देश्य से एम्स, आईएनआई और उत्तर पूर्वी संस्थानों में ड्रोन सेवाएं शुरू की हैं। यह सेवा 25 किलोमीटर के दायरे में उपयोग में लाई जा सकेगी। मौजूदा समय में भुवनेश्वर, रायपुर और जमशेदपुर जेसे कई एम्स ड्रोन सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों संख्या में 98 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2013-14 में मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 से बढ़कर 2024-25 में 766 हो गई है । इसी तरह एमबीबीएस सीटों में 125 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2013-14 में 51,348 सीटें हुआ करती थीं, जो बढ़कर 2024-25 में 11,5812 सीटें हो गईं। पीजी सीटों की संख्या में भी 127 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2013-14 से 39,460 से बढ़कर 2024-25 में 73,111 सीटें हो गई हैं।
नड्डा ने बताया कि इसी तरह हमने भीष्म क्यूब्स को भी अपनाया है, जो पोर्टेबल चिकित्सा इकाइयां हैं। इन्हें आपदा प्रभावित क्षेत्रों और संघर्ष क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आपदा एवं स्वास्थ्य आपात स्थिति के मामले में संबंधित क्षेत्र में तेजी से तैनाती के लिए भीष्म क्यूब्स को 25 एम्स और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में रखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के परामर्श से अगले साल की शुरुआत में नई टीबी उपचार व्यवस्था की शुरुआत के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों के लॉजिस्टिक्स और प्रशिक्षण के लिए एक विस्तृत रोलआउट योजना तैयार कर रहा है। खाद्य आयात अस्वीकृति चेतावनी (एफआईआरए) पोर्टल खाद्य सुरक्षा मानकों को बनाए रखने पर केंद्रित है। यदि बंदरगाहों पर आने वाली कोई खेप इन मानकों को पूरा करने में विफल रहती है, तो विश्व स्तर पर एक अलर्ट जारी किया जाएगा, जो दर्शाता है कि खेप को अस्वीकार कर दिया गया है। इसके साथ स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को मुफ्त लाइसेंस, प्रमाणन और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण प्रमाणन कार्यक्रम शुरू किया गया है।