
रांची, 29 अक्टूबर। पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले पर अब सियासी घमासान शुरू हो गया है।
माकपा की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने बुधवार को रांची में कहा कि “यह अत्यंत दुखद और शर्मनाक घटना है। इसकी पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को लेनी चाहिए।” उन्होंने मेन रोड स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि यह घटना राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की पूर्ण विफलता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार को तत्काल उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।
वृंदा करात ने चुनाव आयोग पर भी साधा निशाना
वृंदा करात ने प्रेस वार्ता में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि “निर्वाचन आयोग मतदाता सूची को नागरिकता निर्धारण का उपकरण नहीं बना सकता।”
उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया गरीबों और कमजोर तबकों को मताधिकार से वंचित करने की दिशा में एक कदम है। करात ने कहा कि बिहार के अनुभव से स्पष्ट है कि कई पात्र नागरिकों को मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया था, फिर भी निर्वाचन आयोग ने उससे कोई सबक नहीं लिया। उन्होंने चेतावनी दी कि “मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का माध्यम नहीं बनना चाहिए।”
पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने मौके पर घोषणा की कि माकपा घाटशिला उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रत्याशी का समर्थन करेगी।








