रांची, 06 जुलाई । श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) मंदिर में आषाढ़ शुक्ल पक्ष की श्रीहरि शयनी एकादशी व्रत को लेकर रविवार को ब्रह्ममुहूर्त में अखिलाण्डकोटि ब्रह्मांडनायक का विश्वरूप दर्शन से अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। घंटा-घड़ियाल और मंत्रों की गूंज से मंदिर गुंजायमान हो रहा था। सुप्रभातम् , मंगलाशासन और तिरुवाराधन के बाद भगवान् श्रियःपति का दूध, दधि, हल्दी, चंदन, गंगाजल, डाभयुक्त जल, शहद, केसर औषधियों के मिश्रित जल से महाभिषेक किया गया।

इसके बाद वस्त्राभूषणों से सुसज्जित करके जूही और गुलाब से गूंथी हुई मालाओं से भव्यातिभव्य श्रृंगार निवेदन हुआ। फिर आलू और कुटू आटे के पकौड़े,आलू साबूदाना की खिचड़ी, संवादाना का खीर, फल और मेवे का बालभोग निवेदित किया गया। इसके बाद नक्षत्र, कुंभ और कपूर की आरती क्रमानुसार अलग-अलग मंत्रों से किया गया और वेद उपनिषद एवं देशिक स्तोत्राणि के उत्कृष्ट ऋचाएं तथा श्लोकों से स्तुति कीं गयी।

पुनः रात्रि पूजोपचार के बाद सृष्टि में समस्त जीव जगत के पालन करता श्री हरि विष्णु को विधिवत्त पूजित कर उनके एक स्वरूप को शयन करा दिया गया। भगवान के शयन अवधि चातुर्मास तक रहेगा। यह अवधि चातुर्मास कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को संपन्न होगी।

श्री भगवान् का कथन है-शयनी एकादशी के दिन जिन्होंने कमललोचन भगवान श्रीविष्णु का पूजन और एकादशी का उत्तम व्रत किया है, उन्होंने तीनों लोकों और तीनों सनातन देवताओं का पूजन कर लिया। भगवान कहते हैं कि हरि शयनी एकादशी के दिन मेरा एक स्वरूप राजा बलि के यहां रहता है और दूसरा क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर तब तक शयन करता है, जब तक आगामी कार्तिक की एकादशी नहीं आ जाती।

महाभिषेक के यजमान अनीश -सोनिया अग्रवाल, दिनभर का भोग आशीष- अश्विका अग्रवाल, जबकि पुष्प श्रृंगार प्रकाश-रश्मि मोदी रहे। आचार्य के रूप में सत्यनारायण गौतम, गोपेश आचार्य और नारायण दास ने मिलकर अनुष्ठान को विधिवत्त संपन्न कराया।

इस मौके पर राम अवतार नरसरिया, अनूप अग्रवाल, घनश्याम दास शर्मा, रामवृक्ष साहू, ओमप्रकाश केजरीवाल, कन्हैया लोहिया, सुशील लोहिया, विनय धरनीधरका और मुरारी मंगल रंजन सिंह सहित अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे।