
कोलकाता, 1 सितम्बर । सत्संग भवन ट्रस्ट मंडल एवं स्वामी विश्वदेवानंद महाराज चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में स्वामी कृष्णानंद सभागार में चल रही श्रीरामकथा के अंतर्गत रविवार को सुन्दरकाण्ड पर प्रवचन का आयोजन किया गया।
प्रवचन देते हुए गृहस्थ पुरूषोत्तम तिवारी ने कहा कि जीवन में बाधाएं आएं तो उनसे घबराना नहीं चाहिए। जिस प्रकार रामकाज पर निकले हनुमानजी महाराज ने सुरसा, सिंहिका और लंकिनी जैसी सात्विक, राजसिक और तामसिक रूपी बाधाओं को अपने बल और विवेक से पराजित किया, उसी तरह मनुष्य भी धैर्य, विवेक और लक्ष्य पर केंद्रित होकर विपरीत परिस्थितियों को पार कर सकता है।
उन्होंने कहा कि लंकिनी तक ने हनुमानजी से कहा कि “आपके सत्संग से जो क्षणभर में सुख मिला, वह सातों स्वर्ग के सुख से बढ़कर है।” हनुमानजी का जीवन इसलिए सुन्दर और प्रेरणादायी है क्योंकि वे हर क्षण सीताराम का स्मरण करते रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ दंडी स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज ने किया। उन्होंने कहा कि रामायण वास्तव में रामजी का घर है और रामनाम स्मरण करने से जीवन में शुभ परिवर्तन होता है।
इस अवसर पर 70 मेधावी विद्यार्थियों को रामचरितमानस और श्रीमद्भागवत गीता भेंटकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन महावीर प्रसाद रावत ने किया।