गाजा पट्टी, 19 मार्च। इजराइली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने गाजा के मुख्य अस्पताल अल शिफा में हमास आतंकियों के मौजूद होने की पुख्ता खुफिया सूचना पर बड़ी कार्रवाई की है। इजराइली सेना ने अस्पताल में घुसकर 20 बंदूकधारियों को मार गिराया। कई अन्य आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। मारे गए बंदूकधारी फिलिस्तीनी बताए गए हैं।
आईडीएफ ने कहा है कि वह अल शिफा अस्पताल से चल रही आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करती रहेगी। इजराइल के इस सैन्य अभियान पर गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इसमें कई फिलिस्तीनियों की जान गई। गोलाबारी में एक इमारत में आग लग गई। सात अक्टूबर से अब तक हुए इजराइली हमलों में 31,756 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि अल शिफा अस्पताल गाजा पट्टी का सबसे बड़ा अस्पताल है। इजराइल-हमास युद्ध के बाद उत्तरी गाजा में यही एक अस्पताल बचा है जहां अब भी आंशिक रूप से स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं। यहां इजराइली हमले में बेघरवार हुए हजारों लोग शरण लिए हुए हैं। इससे पहले इजराइल ने नवंबर में इस अस्पताल पर हमला किया था।
व्हाइट हाउस के अनुसार, इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक महीने से अधिक समय बाद सोमवार को बात की। इस दौरान रफाह में की जा रही कार्रवाई पर चर्चा के लिए इजराइली अधिकारियों को वाशिंगटन भेजने पर नेतन्याहू सहमत हुए हैं।
युद्ध की लपटों के बीच इजराइली अथारिटी ने सोमवार को यूएन की फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के प्रमुख फिलिप लाजरिनी को गाजा पट्टी में प्रवेश से रोक दिया। मिस्र के विदेश मंत्री ने इसे अभूतपूर्व बताया है। इजराइल इस एजेंसी पर हमास आतंकियों से मिले होने का आरोप लगाता रहा है।
इजरायल ने कहा है कि वह सोमवार को कतर में मोसाद प्रमुख की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है। यह हमास के मध्यस्थों से वार्ता करेगा। इजराइली अधिकारी ने बताया कि इजराइल इसमें छह सप्ताह के युद्धविराम के बदले 40 बंधकों की रिहाई का प्रस्ताव करेगा। अधिकारियों का आकलन है कि इस वार्ता में दो हफ्ते लग सकते हैं।