नयी दिल्ली 12 अक्टूबर। भारत ने इज़रायल पर हमास के हमले को आतंकवादी कृत्य बताते हुए इसकी कड़ी निंदा करने के साथ ही आज यह भी कहा कि भारत की फिलिस्तीन को लेकर लंबे अरसे से चली आ रही नीति बदली नहीं है और इज़रायल पर अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का भी सार्वभौमिक दायित्व है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को यहां नियमित ब्रीफिंग में इज़रायल – हमास संघर्ष के बारे में भारत के दृष्टिकोण और फिलिस्तीन को लेकर भारत के रुख बारे में पूछे गये अनेक सवालों के जवाब में कहा कि आपने प्रधानमंत्री के बयान को देखा होगा। वह अपने आप में परिपूर्ण है और इस बारे में अधिक कुछ नहीं कहना है। जहां तक हमास के आतंकवादी संगठन के दर्जे के बारे में सवाल है, यह एक कानूनी मसला है। लेकिन हमारा स्पष्ट मानना है कि यह हमला एक आतंकवादी हमला था।

प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक फिलिस्तीन की स्थिति के बारे में हमारी नीति का सवाल है तो इस संबंध में हमारी नीति दीर्घकालिक और सुसंगत रही है। भारत ने हमेशा इजराइल के साथ शांति से सुरक्षित और सर्वमान्य सीमाओं के भीतर रहने वाले फिलिस्तीन के एक संप्रभु और स्वतंत्र राज्य की स्थापना के लिए सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की है।

हिंसा और कुछ अन्य मसलों खासकर मानवीय मुद्दों के बारे में सवालों पर प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कुछ बातें कहीं हैं, उससे अलग कोई बात यदि जोड़नी है तो हमारा मानना है कि ‘अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून’ का पालन करना (इज़रायल का) एक सार्वभौमिक दायित्व है। आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खतरे का मुकाबला करना भी एक वैश्विक जिम्मेदारी है।

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारत इस स्थिति को देखते हुए आसपास के देशों के साथ सतत संपर्क में है। जहां तक भारत मध्य पूर्व यूरोप कॉरीडोर (आईएमईसी) का सवाल है, तो यह दीर्घकालिक महत्व की परियोजना है।

इस बीच भारत ने इजरायल ने भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन अजय शुरू किया है। इजरायल में करीब 18 हजार भारतीय हैं। लेकिन आज रात तेल अवीव पहुंचने वाली पहली चार्टर उड़़ान से करीब 230 भारतीयों के कल सुबह लौटने की संभावना है।