रांची, 7 अगस्त । अखिल भारतीय हाड़ी संघर्ष मोर्चा की ओर से गुरुवार को राजभवन के समक्ष धरना देकर जातीय पहचान, आरक्षण और सामाजिक न्याय दिलाने की मांग की। इस दौरान मोर्चा के सदस्‍यों ने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ध्रुव हरि ने कहा कि आजाद भारत में भी हाड़ी समाज अब तक समानता और अधिकारों से वंचित है। सफाईकर्मियों की नियुक्ति में अब बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे समाज के युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उनकी समस्याओं पर गंभीरता नहीं दिखाई, तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।

सबसे उपेक्षित और वंचित है हाडी समाज : बाउरी

वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि हाड़ी समाज अनुसूचित जातियों में सबसे उपेक्षित और वंचित है। पहले इस समाज को सरकारी सफाई कर्मचारी के रूप में नौकरी मिलती थी, लेकिन अब आउटसोर्सिंग की नीति ने उन्हें हाशिए पर ला दिया है।

वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द उनकी मांगों पर संज्ञान नहीं लिया, तो यह आंदोलन राज्यभर में चरणबद्ध तरीके से फैलाया जाएगा।

मोर्चा की मुख्‍य मांगों में समुदाय को जातीय और आवासीय प्रमाण पत्र बनाने में आ रही बाधाओं को तत्काल दूर करने, नगर निगम में 10-15 वर्षों से कार्यरत दैनिक सफाई कर्मचारियों को स्थाई करने, पेंशन सुनिश्चित किए जाने, सफाई कर्मचारी के अनुकंपा नियुक्ति पर मैटिक, इंंटर पास की अनिवार्यता को निरस्त करना सहित अन्‍य शामिल है।

इस दौरान राज्यभर से बड़ी संख्या में हाड़ी समाज के लोग मौजूद थे।