
कोलकाता, 20 सितम्बर । पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने जर्मनी की प्रसिद्ध शिपिंग कंपनी कार्स्टन रेडर के साथ 62.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुबंध किया है। इस समझौते के तहत जीआरएसई को चार हाइब्रिड बहुउद्देश्यीय जहाजों का निर्माण करना है। इसके अलावा, अनुबंध में दो और जहाज बनाने का विकल्प भी शामिल है।
केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ उपक्रम जीआरएसई की ओर से शनिवार को बताया गया है कि यह समझौता जीआरएसई के कोलकाता यार्ड में पहले से चल रहे 7,500 डेडवेट टन (डीडब्ल्यूटी) क्षमता वाले बहुउद्देश्यीय जहाज निर्माण परियोजना का विस्तार है। इस अनुबंध पर जीआरएसई के निदेशक (शिपबिल्डिंग) कमांडर शांतनु बोस (सेवानिवृत्त) और कार्स्टन रेडर के प्रबंध निदेशक थॉमस रेडर ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी समेत अन्य लाेग मौजूद रहे।
जीआरएसई द्वारा बनाए जाने वाले जहाज 120 मीटर लंबे और 17 मीटर चौड़े होंगे। इनमें बैटरी-सहायता प्राप्त हाइब्रिड प्रणोदन प्रणाली होगी, जिससे ईंधन दक्षता बढ़ेगी और पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित होगा। यह डिजाइन अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) के डिकार्बोनाइजेशन लक्ष्य से भी मेल खाता है। ये जहाज 7,500 टन तक का माल एक ही होल्ड में ले जाने में सक्षम होंगे। इनमें थोक, सामान्य और प्रोजेक्ट कार्गो लोड किया जा सकेगा। कंटेनरों को हैच कवर पर भी रखा जा सकेगा। सबसे खास बात यह होगी कि ये जहाज पवन ऊर्जा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए डेक पर बड़े पवन चक्की के ब्लेड भी ले जा सकेंगे।
गौरतलब है कि, बहुउद्देश्यीय जहाज निर्माण कार्यक्रम जून, 2024 में पहले चार जहाजों के अनुबंध से शुरू हुआ था। इसके बाद, सितम्बर और दिसम्बर 2024 तथा मार्च 2025 में अतिरिक्त ऑर्डर मिले, जिससे कुल संख्या आठ तक पहुंच गई। इस साल 17 अप्रैल को जीआरएसई ने ‘कोरल 7500 डीडब्ल्यूटी एमपीवी’ श्रृंखला के लिए स्टील कटिंग शुरू की थी। यह जीआरएसई का वाणिज्यिक जहाज क्षेत्र में पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय निर्यात ऑर्डर है। —————








